धराली आपदा : केंद्र और राज्य सरकार ने राहत व बचाव कार्य में झोंकी ताकत, ग्राउंड जीरो पर पहुंचे मुख्यमंत्री
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार मौके पर सेना, आईटीबीपी के साथ ही एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व विभाग की टीमें बचाव अभियान में जुटी हुई हैं। राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से दाे चिनूक और दाे एमआई –17 हेलीकॉप्टर, बुधवार तड़के ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उपलब्ध करा दिए गए हैं। सड़क यातायात बहाल करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी मशीनरी भी पहुंचाई जा रही है। बचाव अभियान में सेना के 125 अधिकारी और जवान, आईटीबीपी के 83 अधिकारी और अन्य जवान भी लगे हुए हैं। इधर, बीआरओ के छह अधिकारी एक साै से अधिक मजदूरों के साथ बाधित सड़कों को खोलने में जुटे हुए हैं।
प्रशासन ने कई राहत शिविर किए शुरु
प्रशासन ने प्राकृतिक आपदा प्रभाविताें के लिए इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर प्रारंभ किए हैं। इसके साथ ही क्षेत्र में बिजली और संचार नेटवर्क को बहाल किए जाने के प्रयास भी युद्धस्तर पर किए जा रहे हैं। एनआईएम और एसडीआरएफ लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण में भी जुट गई है। राज्य सरकार मंगलवार शाम को ही तीन आईएएस अधिकारियों के साथ ही दो आईजी और तीन एसएसपी स्तर के आईपीएस को राहत एवं बचाव अभियान में समन्वय के लिए उत्तरकाशी रवाना कर चुकी है।
प्रधानमंत्री ने धामी से फाेन पर राहत कार्याें की जानकारी ली
बुधवार सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर धराली क्षेत्र में हुई प्राकृतिक आपदा और इसके बाद चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन जानकारी ली। मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों में पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई है। लगातार भारी वर्षा के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयां आ रही हैं, लेकिन सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता मिल सके। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
घायलाें के लिए अस्पतालाें में बेड आरक्षित
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार सुबह प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे और प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर, हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाते हुए, राहत कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचाते हुए, सामान्य स्थिति बहाल करना है। स्वास्थ्य विभाग ने आपदा में घायलों को उपचार देने के लिए दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए हैं, साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों का भी उत्तरकाशी के लिए रवाना किया गया है। विशेष रूप से मनोचिकित्सक भी आपदाग्रस्त क्षेत्र में भेजे गए हैं।