चाय बागानों में कोई अन्य कृषि की जा सकने की नियमावली को पेश करने के निर्देश
चाय बागानों में कोई अन्य कृषि की जा सकने की नियमावली को पेश करने के निर्देश
नैनीताल, 06 मई (हि.स.)। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से देहरादून के मशहूर चाय बागानों की भूमि का स्वरूप बदलकर उनमें गन्ने, खीरे, तरबूज उगाने के लिए देने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार से उस पॉलिसी या नियमावली की जानकारी मांगी है, जिसके तहत चाय बागानों में कोई अन्य कृषि की जा सकती है। कोर्ट ने नियमावली को पेश करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार देहरादून के विकास नगर निवासी देवानंद ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देहरादून का विकास नगर क्षेत्र चाय बागान के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र था। इस क्षेत्र में इसके अलावा कोई कृषि कार्य करने की अनुमति नहीं थी। जब से इस भूमि का चाय के अलावा अन्य सीजनल कृषि के लिए उपयोग किया जा रहा है, इसका अस्तित्व खतरे में आ गया है। जनहित याचिका में राज्य सरकार से अनुरोध किया गया कि इसे चाय क्षेत्र की धरोहर में ही विकसित किया जाए।
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