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हिसार : एचएयू को अवार्ड मिलना वैज्ञानिकों की मेहनत का परिणाम : अशोक गोदारा

हकृवि वैज्ञानिक

हौटा पदाधिकारियों ने ताजा उपलब्धि पर तिलहन अनुभाग के वैज्ञानिकों को दी बधाई

हिसार, 24 अगस्त । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (हौटा) ने

सरसों में उत्कृष्ट कार्य के लिए विश्वविद्यालय को सर्वश्रेष्ठ केंद्र अवार्ड मिलने

पर प्रसन्नता जताई है। हौटा अध्यक्ष डॉ. अशोक गोदारा एवं अन्य पदाधिकारियों ने रविवार काे कहा कि हाल ही में

विश्वविद्यालय को सरसों के अनुसंधान एवं विकास कार्यों में उत्कृष्ट योगदान देने के

लिए सर्वश्रेष्ठ केन्द्र अवार्ड से नवाजा गया है। यह अवार्ड भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय

सरसों अनुसंधान संस्थान द्वारा ग्वालियर में आयोजित अखिल भारतीय राया एवं सरसों अनुसंधान

कार्यकर्ताओं की 32वीं वार्षिक बैठक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक महानिदेशक

(तिलहन व दाल) डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने प्रदान किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय

के वैज्ञानिक लगातार मेहनत करके शोध कार्यों के जरिए नई नई तकनीकें खोज रहे हैं, जिनका

लाभ किसानों तक पहुंच रहा है। कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज के मार्गदर्शन में कृषि वैज्ञानिकों

का लगातार प्रयास रहता है कि किसानों तक नई तकनीकें पहुंचाकर उन्हें उनका लाभ दिया

जाए।

डॉ. अशोक गोदारा ने वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि

गत वर्ष सिंचित क्षेत्रों के लिए आरएच 1975 किस्म ईजाद की गई है जो अधिक उत्पादन के

कारण किसानों के में लोकप्रिय होती जा रही है। उन्होंने बताया कि 11-12 क्विटल प्रति

एकड़ औसत उत्पादन तथा 14-15 क्विटल प्रति एकड़ उत्पादन क्षमता रखने वाली आरएच 1975

किस्म में लगभग 39.5 फीसद तेल की मात्रा है। तिलहन उत्पादन में वृद्धि के साथ किसानों

की आर्थिक स्थिति को सुदृढृ करने में विकसित किस्मों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

इसके अलावा सरसों की दो अन्य किस्में हाइब्रिड किस्म आरएचएच 2101, आरएच 1424 व आरएच

1706 विकसित की हैं। ये किस्में भी सरसों की उत्पादकता बढ़ाने में मील का पत्थर साबित

होंगी। उन्होंने बताया कि सरसों अनुभाग के वैज्ञानिकों की टीम अब तक राष्ट्रीय व प्रदेश

स्तर पर 23 किस्में विकसित कर चुकी है। हौटा पदाधिकारियों ने इस उपलब्धि पर डॉ. राम अवतार, तिलहन अनुभाग

के वैज्ञानिक डॉ. दलीप कुमार, डॉ राकेश पूनिया, डॉ. विनोद गोयल, डॉ. नीरज, डॉ. निशा

कुमारी, डॉ. स्वेता, डॉ. राजबीर खेड़वाल व डॉ आकाश सहित तिलहन वैज्ञानिकों की टीम को

बधाई दी।

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