गड़ई नदी का पानी घुसा गांवों में, घर-मकान और फसलें डूबीं
पानी के तेज प्रवाह ने कई घरों और मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। हसौली गांव के हरिजन और बियार बस्ती पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी है। यहां तक कि पंचायत भवन और शिव मंदिर परिसर भी पानी में डूब गए हैं। ओड़ी साधन सहकारी समिति की चारदीवारी गिरने से गोदाम में बाढ़ का पानी भर गया है।
रामपुर-जमालपुर संपर्क मार्ग पर हसौली गांव के पास सायफन पर करीब चार फुट पानी बहने से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। करजी गांव के हनुमान मंदिर, पटेल और बियार बस्ती, वहीं गोगहरा गांव के भागलपुर बियार बस्ती और पांडेचक के कई घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है।
नदी का तटबंध टूटने से सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई है। कई गांवों का ब्लॉक मुख्यालय से संपर्क कट चुका है, जिससे ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। उधर, ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस मदद नहीं पहुंची है। कई परिवार अपने घरों की छत और ऊंचाई वाले स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। बच्चों और बुजुर्गों की हालत सबसे ज्यादा खराब है।
इस संबंध में एसडीएम चुनार राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में राजस्व टीम और स्वास्थ्य विभाग की टीमें भेजी जा रही हैं। प्रभावित परिवारों की सूची तैयार की जा रही है। वहीं ग्राम प्रधानों को कहा गया है कि वे जरूरतमंदों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद करें। जमालपुर ब्लॉक प्रमुख ने कहा कि आपदा से प्रभावित गांवों में राहत शिविर बनाए जाएंगे और भोजन व पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि हर पीड़ित परिवार को सरकारी मदद दी जाएगी।