हिमाचल में ओरेंज अलर्ट के बीच भारी वर्षा, 312 सड़कें बंद, अब तक 298 लोगों की मौत
मौसम विभाग ने 24 अगस्त को मंडी और शिमला जिलों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं 25 अगस्त को शिमला और सिरमौर, 26 अगस्त को ऊना और मंडी जिलों में येलो अलर्ट रहेगा। 27 से 29 अगस्त तक भी बारिश का अनुमान है, लेकिन इसके लिए कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। बीते 24 घंटों में सोलन के नालागढ़ और हमीरपुर के नादौन में 60-60 मिमी, जोगिंद्रनगर में 50 मिमी और जतौन बेरेज में 40 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
लगातार बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं और कई जगह भूस्खलन हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार शनिवार शाम तक प्रदेशभर में 312 सड़कें भूस्खलन और मलबा आने से बंद हैं। इनमें मंडी जिला में 160, कुल्लू में 101 और कांगड़ा में 21 सड़कें शामिल हैं। कुल्लू जिले का नेशनल हाईवे 305 भी कई जगह बंद पड़ा है।
वहीं बिजली और पेयजल सुविधाओं पर भी असर पड़ा है। राज्यभर में 97 बिजली ट्रांसफार्मर और 51 पेयजल योजनाएं ठप हैं। इनमें अकेले मंडी जिला में 70 बिजली ट्रांसफार्मर और 36 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
मानसून से अब तक 298 लोगों की मौत और बड़ी आर्थिक क्षति
प्रदेश में 20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन ने भारी नुकसान पहुंचाया है। अब तक 298 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसमें मंडी और कांगड़ा में 48-48, चंबा में 35, शिमला में 28, किन्नौर और कुल्लू में 26-26 तथा अन्य जिलों में कुछ मौतें शामिल हैं। इसके अलावा 37 लोग अभी भी लापता हैं और 356 लोग घायल हुए हैं।
मकान, दुकान और पशुशालाओं को भारी नुकसान
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार अब तक 3,041 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिनमें 675 मकान पूरी तरह ढह गए हैं। अकेले मंडी जिले में 1,456 मकानों को नुकसान पहुंचा, जिसमें 490 मकान पूरी तरह ध्वस्त हुए। राज्यभर में 391 दुकानें और 2,728 पशुशालाएं भी नष्ट हुई हैं। इस दौरान 1,824 पालतू पशु और 25,755 पोल्ट्री पक्षी मारे गए हैं।
प्रदेश को अब तक करीब 2,347 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 1,310 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 769 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।
प्रदेश में मॉनसून सीजन में फ्लैश फ्लड की 75, भूस्खलन की 74 औऱ बादल फटने की 40 घटनाएं हो चुकी हैं। फ्लैश फ्लड की सबसे ज्यादा 41 घटनाएं लाहौल स्पिति जिले में हुई हैं। वहीं, भूस्खलन की सबसे ज्यादा 14 घटनाएं शिमला जिले में हो चुकी हैं। बादल फ़टने की सर्वाधिक 18 घटनाएं मंडी जिला में हुईं। कुल्लु जिला में 10, चम्बा में 5, शिमला व लाहौल स्पिति में 3-3 बार और किन्नौर में एक बार बादल फटा। बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, ऊना, सोलन और सिरमौर में बादल फ़टने की कोई भी घटना रिपोर्ट नहीं हुई है।