युवा बचाओ व पर्यावरणीय चुनौतियों के संदर्भ में वैज्ञानिक चेतना विषय पर कार्यशाला
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे नशे और गलत संगति से दूर रहकर समाज व राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक योगदान दें। उन्होंने कहा युवा शक्ति दिशा पाए तो विकास का इंजन बनती है दिशा खो दे तो वही शक्ति विनाशकारी हो जाती है। आज के युवा को हर प्रकार के नशे से बचना चाहिए । इस अवसर पर अंधश्रद्धा निर्मूलन आंदोलन के अग्रदूत डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की पुण्यतिथि पर राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना दिवस भी मनाया गया।
तकनीकी विकास समिति के अध्यक्ष डॉ. विजय विशाल ने डॉ. दाभोलकर के जीवन और योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने धार्मिक कुरीतियों, पाखंड और अंधविश्वास का विरोध कर समाज में विवेक व वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने हेतु अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। 20 अगस्त 2013 को उनकी शहादत के बाद से अखिल भारतीय जन विज्ञान नेटवर्क इस दिन को राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना दिवस के रूप में मना रहा है।
तकनीकी विकास समिति के सचिव एवं अखिल भारतीय जन विज्ञान नेटवर्क के राष्ट्रीय पदाधिकारी जोगिंदर वालिया ने कहा कि इस वर्ष संगठन ने पुरे देश में युवा बचाओ एवं वैज्ञानिक चेतना को पर्यावरणीय चुनौतियों से जोड़कर देखने का निर्णय लिया है। हिमालयी राज्यों, विशेषकर हिमाचल प्रदेश में आज सबसे बड़ी चुनौती बिगड़ते पर्यावरण संतुलन की है। बढ़ते तापमान और अनियमित वर्षा से आम लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन का सीधा असर कृषि व बागवानी पर पड़ेगा, जिससे फसल चक्र बिगड़ेगा और पारम्परिक फसलें नष्ट हो सकती हैं।