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Uttarakhand

धराली के बाद अब हर्षिल को डरा रही भागीरथी नदी

मलबा गिरने से बहाव के रुकने के कारण हर्षिल के पास चार पांच मीटर लंबी कृत्रिम झील बन गई है। जिससे जिला प्रशासन की सांसे आपकी रहीं उसके बाद प्रशासन ने सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, वन विभाग की मदद से मैनली रूप से झील को पंचर करने में सफल रहे जिससे बड़े खतरे को टाल दिया है।

गौरतलब है कि “मिनी स्वीटजरलैंड” कह जानें वाले हर्षिल भी पांच अगस्त को खीरगंगा से आई विनाशकारी बाढ़ से महज 34 सैकड में हंसता खिलता पयर्टक स्थल धराली और हर्षिल को मलवे के ढेर में बदल गया। धराली के बाद धीरे-धीरे भागीरथी नदी हर्षिल को भी डराने लगी है।

गढ़वाल मंडल विकास निगम का हर्षिल परिसर, जो कभी पर्यटकों से गुलजार रहता था, इस भीषण आपदा के बाद भारी नुकसान झेल रहा है। प्रबंधक सुशील डिमरी ने बताया कि आपदा में डीलक्स हट बह गया और नदी किनारे बना ग्लास हाउस भी पूरी तरह से बह गया। दोनों ग्लास हाउस, स्टाफ क्वार्टर और स्टोर जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं और कभी भी गिर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि जीएमवीएन की सभी सीवर लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जबकि एक अन्य हट समान सहित नदी में बह गया। डिमरी के अनुसार, हर्षिल में इस पैमाने का नुकसान पहले कभी नहीं देखा गया और अब यहां पर्यटन गतिविधियों के पुनर्जीवित होने में समय लग सकता है। उन्होंने बताया कि यात्राकाल में पूरा गेस्ट हाउस की बुकिंग हो रखी है।

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