हत्या के मामले में फरार आरोपित गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच के डीसीपी हर्ष इंदौरा के अनुसार 27 नवंबर 2016 को पुलिस को एक खाली प्लॉट (जैलदार एन्क्लेव, मोहन गार्डन, उत्तम नगर) से एक अधजले शव की सूचना मिली थी। शव कंबल में लिपटा हुआ था और बिजली की तारों से बंधा था। मृतक के सिर और शरीर पर कई चोट के निशान थे। शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी। मामले में उत्तम नगर थाना पुलिस ने हत्या और सबूत मिटाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
डीसीपी के अनुसार 25 जुलाई को हेडकांस्टेबल पवन हूडा को एक गुप्त सूचना मिली कि अंताज अंसारी पंजाब में अपने एक साथी से मिलने के लिए आने वाला है। सूचना को पुख्ता कर एक टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम ने तकनीकी निगरानी के माध्यम से उसकी लोकेशन ट्रेस की और जाल बिछाकर उसे दबोचा।
पूछताछ में आरोपित अंताज ने खुलासा किया कि वह उत्तम नगर में रहीम उर्फ सलमान (45) के मकान में किराए पर रहता था। 25-26 नवंबर 2016 की रात को उसने रहीम और अपने साथी देवेंद्र उर्फ छोटा बल्ले के साथ शराब पी। शराब के नशे में बहस होने पर रहीम को पहले लोहे की रॉड से, फिर ईंट से और अंत में चाकू से वार कर मौत के घाट उतार दिया गया। शव को कंबल में लपेटकर खाली प्लॉट में फेंका गया और अगले दिन शव को जलाकर सबूत मिटाने की कोशिश की गई।
डीसीपी के अनुसा उक्त मामले में पुलिस पहले ही दोनों आरोपितों को पकड़ चुकी थी। उस वक्त इन्होंने पुलिस पार्टी पर पिस्तौल तानी थी लेकिन पुलिस ने साहसिक कार्रवाई करते हुए दोनों को दबोच लिया था और दो पिस्तौल व तीन जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे। पुलिस अधिकारी के अनुसार मामले की सुनवाई के दौरान अंताज अदालत में पेश नहीं हुआ। जिसके बाद 19 दिसंबर 2024 को अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। जांच में पता चला है कि आरोपित अंताज बिहार के सिवान जिले के एक छोटे से गांव में जन्मा था। उसका परिवार रोज़ी-रोटी के लिए दिल्ली आया था। उसके माता-पिता उत्तम नगर के एक प्राइवेट स्कूल में हेल्पर का काम करते थे। अंताज केवल चौथी कक्षा तक पढ़ा है और मजदूरी करता था। उसका छोटा भाई भी एक दुष्कर्म के मामले में जेल जा चुका है।