बीसलपुर बांध के पहली बार जुलाई में खुलेंगे गेट, तीन जिलों के एक करोड़ से अधिक लोगों को मिलेगी राहत
में खोले जाएंगे। अब तक यह दृश्य अगस्त या सितंबर में ही देखने को मिलता
था, लेकिन इस बार तेज बारिश और बढ़ती जल आवक के कारण मंगलवार को सुबह 10 से
11 बजे के बीच गेट खोले जाएंगे।
यह बीसलपुर बांध के 22 साल के इतिहास में आठवीं बार होगा जब बांध छलकने की
स्थिति में पहुंचेगा। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए जल संसाधन
मंत्री सुरेश रावत बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे, साथ ही जिला प्रशासन के
अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
बांध का जल
स्तर सोमवार शाम तक 315.32 आरएल मीटर पहुंच गया था, जबकि इसकी पूर्ण भराव
क्षमता 315.50 आरएल मीटर है। ऐसे में करीब 95% भर चुके बांध को लेकर जल
संसाधन विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए गेट खोलने की तैयारियां पूरी कर ली
हैं।
गेटों की संख्या और ऊंचाई, साथ ही बनास नदी में छोड़े जाने वाले पानी की
मात्रा का निर्णय मंगलवार सुबह किया जाएगा। बांध में पिछले 24 घंटे में
जबरदस्त पानी की आवक दर्ज की गई है। सोमवार सुबह छह बजे तक जल स्तर 315.17
आरएल मीटर था, जो शाम तक बढ़कर 315.32 आरएल मीटर हो गया। भराव क्षेत्र की
त्रिवेणी 3.40 मीटर पर बह रही है, जिससे साफ है कि पानी की आवक अभी भी तेज
बनी हुई है।
बांध से टोंक, अजमेर और जयपुर के लिए पेयजल की आपूर्ति की जाती है। करीब एक
हजार एमएलडी पानी इन जिलों के 2000 से ज्यादा गांव और कस्बों तक पहुंचता
है। ऐसे में बांध के फुल होने से एक करोड़ से अधिक लोगों को पानी की चिंता
से राहत मिलती है। बीसलपुर बांध से 82 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलती है। इसके
लिए दायीं ओर 51 किलोमीटर और बायीं ओर 18.65 किलोमीटर लंबी मुख्य नहरें
हैं। दायीं नहर से 69 हजार 393 हेक्टेयर और बायीं से 12 हजार 407 हेक्टेयर
भूमि पर सिंचाई होती है।
बांध प्रबंधन ने संकेत दिए हैं कि इस बार भी किसानों को भरपूर पानी मिलेगा,
जिससे खेती में लागत कम और उत्पादन अधिक होगा। बांध परियोजना एक्सईएन मनीष बंसल का कहना है कि
“पानी की तेज आवक को देखते हुए मंगलवार को गेट खोलने का निर्णय किया गया
है। गेट की संख्या और जल निकासी की मात्रा की जानकारी सुबह मौके पर तय की
जाएगी। सभी विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।”