जॉब ट्रेनी योजना युवाओं को ठगने का कांग्रेस सरकार का नया जाल : डॉ. बिंदल
डॉ. बिंदल ने रविवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा कि लोकतंत्र और जनतंत्र के इतिहास में शायद कांग्रेस जैसी सरकार कभी नहीं आई और न ही आएगी। जो फैसले लेती है, वह पूरी तरह जनविरोधी होते हैं, और कई बार तो कोई फैसला ही नहीं लेती। उन्हाेंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी, राजीव शुक्ला, भूपेश बघेल, सुखविंदर सिंह सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री समेत तमाम नेताओं ने गांव-गांव जाकर दावा किया था कि प्रदेश में 63,000 पद खाली पड़े हैं और सत्ता में आते ही 37,000 नए पद सृजित करेंगे। साथ ही पहली कैबिनेट बैठक में ही एक लाख युवाओं को 58 साल तक की पक्की नौकरी दी जाएगी, न आउटसोर्स, न कॉन्ट्रैक्ट पर, बल्कि स्थायी नौकरी। डॉ. बिंदल ने पूछा, “अब वो वादे कहां गए?”
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार में नौकरियां केवल मुख्यमंत्री मित्रों और चहेतों को दी जा रही हैं। वन, पशुपालक, चिकित्सक, मुख्यमंत्री मित्र जैसे शब्द अब प्रदेश में आम चर्चा का विषय बन चुके हैं, क्योंकि इन्हीं को तरजीह दी जा रही है। दूसरी तरफ हिमाचल की लाइब्रेरियों में सैकड़ों युवा दिन-रात परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, लेकिन कभी परीक्षा रद्द हो जाती है, तो कभी परिणाम रोक दिए जाते हैं। यही सरकार है जिसने नौकरी देने वाले कई संस्थानों को बंद कर दिया और एक ही अधिसूचना से प्रदेश के डेढ़ लाख पद खत्म कर दिए। इससे रोजगार के अवसर और साधन दोनों ही समाप्त हो गए। न तो कोई नई आउटसोर्स पॉलिसी बनी और न ही नई भर्तियों का रास्ता खुला।
डॉ. बिंदल ने नई जॉब ट्रेनी पॉलिसी को भी युवाओं के साथ एक “मज़ाक” बताया। उन्होंने कहा कि पहले युवाओं को नियुक्ति के लिए परीक्षा देनी होगी, फिर दो साल की ट्रेनिंग के बाद फिर से परीक्षा देनी पड़ेगी। इस दौरान उन्हें न हिमकेयर और न ही आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का लाभ मिलेगा। उनके मेडिकल बिल भी पास नहीं होंगे, और सबसे बड़ा सवाल यह है कि इनकी नियुक्ति कौन करेगा, यह भी सरकार ने अभी तक साफ नहीं किया है। प्रदेश सरकार के पास इस पॉलिसी को सफल बनाने का कोई ठोस फार्मूला नहीं है। यह सिर्फ और सिर्फ युवाओं को गुमराह करने की साजिश है।
भाजपा अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि भाजपा इस मुद्दे को विधानसभा से लेकर सड़क तक मजबूती से उठाएगी, ताकि प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं को न्याय दिलाया जा सके और कांग्रेस सरकार को अपने वादों का हिसाब देना पड़े।