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नैनी झील नैनीताल की आत्मा, इसका वैज्ञानिक संरक्षण आवश्यक: राज्यपाल

नैनी झील नैनीताल की आत्मा, इसका वैज्ञानिक संरक्षण आवश्यक: राज्यपाल

नैनीताल, 4 जून (हि.स.)। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने बुधवार को नैनीताल राजभवन में नैनीताल होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ भेंटवार्ता की। वार्ता में नगर की पर्यटन सुविधाओं, आधारभूत ढांचे से जुड़ी चुनौतियों और उनके समाधान पर विचार-विमर्श किया गया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि नैनीताल की प्राकृतिक सुंदरता और झील देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करती है और इसे सुरक्षित रखने के साथ-साथ यहां आधुनिक सुविधाओं की आवश्यकता है। उन्होंने गुणवत्तायुक्त पर्यटन को बढ़ावा देने और आधुनिक सुविधाओं के विकास की दिशा में निरंतर प्रयासों की आवश्यकता भी जताई। पार्किंग समस्या के समाधान को लेकर उन्होंने मल्टीस्टोरी पार्किंग, रोपवे तथा छोटी पार्किंग स्थलों की संभावनाओं पर बल दिया।

बताया कि मेट्रोपोल की भूमि राज्य सरकार को अस्थायी रूप से दी गई है तथा रक्षा संपदा की भूमि के उपयोग हेतु प्रयास जारी हैं, जिससे स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि नैनी झील नैनीताल की आत्मा है, और इसका वैज्ञानिक संरक्षण आवश्यक है। बताया कि देहरादून स्थित राष्ट्रीय जलसर्वेक्षण कार्यालय द्वारा झील का तकनीकी सर्वे किया गया है, जिससे इसके संरक्षण के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जा सकेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटकों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना प्राथमिकता होनी चाहिए। वहीं, होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पार्किंग विस्तार, यातायात व्यवस्था सुधार, वैकल्पिक पेयजल स्रोत, सीवर प्रणाली उन्नयन, पंतनगर हवाई पट्टी के विस्तार, स्थानीय व्यंजनों के माध्यम से क्षेत्रीय संस्कृति के संवर्धन, ग्रामीण कला आयोग के गठन व उद्यानिकी आधारित पर्यटन को प्रोत्साहन जैसे विषयों पर सुझाव दिए।

राज्यपाल ने इन सभी सुझावों को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। कहा कि इन्हें संबंधित विभागों, प्रशासन, मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। कुछ बिंदुओं पर पूर्व से कार्य चलने की भी जानकारी दी। बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट, महासचिव वेद साह, रमनदीप सिंह, रुचिर साह, प्रवीण शर्मा व कमल जगाती सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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