ऑपरेशन सिंदूर: सीजफायर उल्लंघन, आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई, 19 दिनों की घटनाएं जानें!
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई एक भयानक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। उस दिन आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 टूरिस्टों की निर्दयता से हत्या कर दी। यह क्रूरता केवल पुरुषों तक सीमित नहीं थी, बल्कि मामले को और सच्चाई देते हुए, महिलाओं और बच्चों के सामने उन पुरुषों को सिर और सीने में गोली मारी गई। इस दौरान महिलाओं को चेतावनी दी गई थी कि वे जाकर प्रधानमंत्री मोदी को बताएं कि उन्हें क्यों छोड़ा गया। यह घटना उस समय हुई थी जब प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब दौरे पर थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने घटना की गंभीरता को समझते हुए तुरंत दौरा बीच में छोड़कर देश लौटने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने लौटने के तुरंत बाद कैबिनेट की एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें आतंकवादियों को सख्त संदेश दिया गया। 24 अप्रैल को मोदी ने कहा कि आतंकियों को न केवल उनके कृत्य की सजा मिलेगी, बल्कि वे कल्पना से भी बड़ी सजा का सामना करेंगे। इसके साथ ही, उन्होंने सेना के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की और कार्रवाई के लिए आवश्यक योजना बनाने के लिए कहा।
इस घटना के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में एक महत्वपूर्ण एयर स्ट्राइक की। ऑपरेशन का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखा गया, जो दर्शाता है कि आतंकियों ने देश की महिलाओं और बेटियों का जीवन बर्बाद किया। इस ऑपरेशन के दौरान 25 मिनट के भीतर 9 आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया गया, जिससे 100 से ज्यादा आतंकियों का खात्मा हुआ। इन ठिकानों का मुख्य उद्देश्य आतंकियों को प्रशिक्षण देना था।
इसके बाद, 8 मई की रात से पाकिस्तान ने भारत के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों और एयरबेस पर गोलाबारी शुरू कर दी। पाकिस्तान की इस हरकत के जवाब में भारतीय सेना ने भी मुहंतोड़ जवाब दिया और पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमले किए। लेकिन 10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की घोषणा की गई। हालांकि, कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया, जिससे क्षेत्र में फिर से तनाव बढ़ गया।
इन घटनाओं की पूरी कहानी, जो पहलगाम में हुए हत्याकांड से शुरू होकर ऑपरेशन सिंदूर और अंत में संघर्ष विराम की घोषणा तक पहुँचती है, इसे छह ग्राफिक्स में प्रस्तुत किया गया है। इस पूरी श्रृंखला का चित्रण ग्राफिक्स विशेषज्ञ महेश वर्मा और अंकित पाठक ने किया है। इस प्रकार, ये घटनाएँ न केवल भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को दिखाती हैं बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना की सख्त कार्रवाई और देश की संप्रभुता की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी उजागर करती हैं।