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करीना ने बताया कैसे स्पीलबर्ग को पसंद आई ‘थ्री इडियट्स’: हॉलीवुड के पीछे नहीं भागती हूँ!

मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित WAVES 2025 समिट के दूसरे दिन बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस करीना कपूर ने पैनल डिस्कशन में हिस्सा लिया। इस खास सत्र में अभिनेता विजय देवरकोंडा भी उनके साथ मौजूद थे, जबकि चर्चे का संचालन करण जौहर ने किया। करण ने बातचीत की शुरुआत सिनेमा के वैश्विक प्रभाव और उत्तर-दक्षिण सहयोग पर की, यह समझने के लिए कि इनका भारत के फिल्म उद्योग के भविष्य पर क्या असर हो सकता है।

इस संवाद के दौरान करण जौहर ने करीना कपूर से एक दिलचस्प सवाल पूछा कि उन्होंने कभी हॉलीवुड की फिल्मों का पीछा क्यों नहीं किया, जबकि उनकी पीढ़ी की कई अन्य अभिनेत्रियाँ इस दिशा में प्रयासरत रहीं। करीना ने इसका जवाब देते हुए कहा, “मेरे व्यक्तित्व में किसी चीज़ का पीछा करना शामिल नहीं है। अगर कुछ होना है, तो वह अपने आप होगा। मैं जानती हूं कि समय बदल रहा है और भविष्य में संभावनाएँ हो सकती हैं, हो सकता है कि एक हिंदी-अंग्रेज़ी फिल्म बन जाए।” वह यह भी कहती हैं कि मशहूर फिल्म निर्माता स्टीवन स्पीलबर्ग भी अब हिंदी फिल्मों के प्रति रुचि दिखा रहे हैं।

करीना ने बातचीत के दौरान स्टीवन स्पीलबर्ग से जुड़ा एक यादगार किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि वह एक रेस्टोरेंट में थीं, उस समय स्टीवन स्पीलबर्ग भी वहाँ भोजन कर रहे थे। करीना ने कहा, “यह कई साल पहले की बात है, जब ‘3 इडियट्स’ रिलीज हुई थी। वो मेरे पास आए और पूछा, क्या आप वही लड़की हैं, जो उस फेमस इंडियन फिल्म में थीं जिसमें तीन छात्र हैं?” इस पर करीना ने सकारात्मक उत्तर दिया, जिसके बाद स्पीलबर्ग ने कहा, “ओह गॉड, मुझे वह फिल्म बहुत पसंद आई।”

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए करीना ने मुस्कुराते हुए कहा, “मुझे उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए किसी और अंग्रेजी फिल्म में काम करने की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने ‘3 इडियट्स’ देखी है।” यह एक ऐसी जीत की कहानी है जो दर्शाती है कि हिंदी सिनेमा की पुरानी खूबसूरत कहानियाँ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध हो सकती हैं।

यह उल्लेखनीय है कि स्टीवन स्पीलबर्ग ने 2013 में एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘3 इडियट्स’ उन कुछ भारतीय फिल्मों में से एक है, जिसे उन्होंने तीन बार देखा है। उन्होंने इस फिल्म के भावनात्मक दृश्यों की भी तारीफ की थी। यह दर्शाता है कि भारतीय सिनेमा में न केवल मनोरंजन है, बल्कि गहरी भावनाएं और सशक्त संदेश भी मौजूद हैं, जो हर दर्शक को छूते हैं। इस समिट में करीना कपूर का अनुभव और साझा की गई कहानियां न सिर्फ फिल्‍म इंडस्ट्री के भविष्य के बारे में बात करती हैं, बल्कि दिखाती हैं कि कैसे हमारी फिल्मों ने वैश्विक सिनेमा को भी प्रभावित किया है।

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