पहलगाम हमले पर बिफरे सलमान, शाहरुख व आमिर बोले- कश्मीर को नर्क न बनने दें!
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने बॉलीवुड में आगाह और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। इस वीभत्स घटना की कठोर निंदा बड़े बड़े सितारों ने की है, जिनमें सलमान खान, शाहरुख खान और आमिर खान शामिल हैं। इन सितारों का मानना है कि निर्दोष लोगों की हत्या करना मानवता की हत्या के समान है, और उन्होंने इस हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
सलमान खान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस विषय में अपनी भावनाएं साझा करते हुए लिखा, “धरती का स्वर्ग कश्मीर अब नर्क में बदलता जा रहा है। निर्दोष लोगों को निशाना बनाना न केवल अमानवीय है, बल्कि यह पूरी कायनात को मारने के समान है। मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जो इस हमले में पीड़ित हुए हैं।” वहीं, शाहरुख खान ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि “पहलगाम में हुई यह हिंसा केवल कपटी और अमानवीय कृत्य है। ऐसे समय में हमें केवल पीड़ित परिवारों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए और एकजुट होकर न्याय सुनिश्चित करना चाहिए।”
आमिर खान की टीम के द्वारा भी इस चर्चित घटना पर प्रतिक्रिया दी गई है। उन्होंने कहा, “हम पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले से बेहद हैरान और परेशान हैं। इस हमले में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई, और हमारे दिल पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं।” इसके अतिरिक्त, कई अन्य बॉलीवुड हस्तियों ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है। संजय दत्त, अजय देवगन, जावेद अख्तर और प्रियंका चोपड़ा ने इस कृत्य को न सिर्फ दर्दनाक बल्कि अस्वीकार्य बताया है और दोषियों को सख्त सजा की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 27 लोगों की जान गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के विंग “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (TRF) ने ली है। हमले के बाद आतंकियों ने मौके से भागने में सफलता प्राप्त की। इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में दो विदेशी आतंकवादी और दो स्थानीय आतंकवादी शामिल थे।
इसमें कोई शक नहीं कि पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले ने पूरे देश में गहरी निराशा और क्रोध फैलाया है। बॉलीवुड से लेकर टीवी और अन्य समुदायों तक, सभी ने इस नृशंस कृत्य के लिए न्याय की मांग की है। कुछ कलाकारों ने तो यह भी कहा है कि दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए ताकि अगली पीढ़ी को ऐसा भयावह अनुभव न हो। वक्त की मांग है कि हम एकजुट होकर आतंक के खिलाफ खड़े हों और कभी भी इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त न करें।