पुलिस कस्टडी में बात करता हिस्ट्रीशीटर: एएसआई और दो कांस्टेबल सस्पेंड! 8.85 लाख की डकैती!
सीकर जिले के दादिया थाना क्षेत्र में एक समर्पित अपराधी के पुलिस हिरासत में मोबाइल फोन पर बातचीत करते हुए वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। इस वीडियो के प्रकाश में आने के बाद सीकर के एसपी भुवन भूषण यादव ने तुरंत कार्रवाई की और दादिया थाने के एक ASI और दो कॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया। घटना उस समय की है जब आरोपी मनोज महला, जो एक हिस्ट्रीशीटर है और उस पर 10 हजार का इनाम रखा गया था, को कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था।
मनोज महला पर आरोप है कि उसने एक शादी समारोह के दौरान प्रॉपर्टी कारोबारी के दोस्त पर हमला किया था। इस हमले में न केवल प्रॉपर्टी कारोबारी के दोस्त की फॉर्च्यूनर गाड़ी को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया, बल्कि उससे 8.85 लाख रुपए भी लूट लिए गए। पुलिस ने पिछले सप्ताह मनोज को जयपुर के मुरलीपुरा क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेशी के दौरान मनोज ने एक युवक से मोबाइल फोन पर बात की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली और सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
मामले के ताज़ा विकास पर बात करते हुए, सीकर एसपी द्वारा निलंबित किए गए ASI रोहिताश्व कुमार का कहना है कि मनोज ने उनसे वकील से बात करने का अनुरोध किया था। इस अनुरोध के आधार पर पुलिस ने मनोज की वकील से बात कराने का निर्णय लिया। हालांकि, कुछ लोगों ने इस बात को गंभीरता से लिया और इसे पुलिस की लापरवाही के तौर पर देखा। यह एक बड़ा मामला बन गया है, और मामले की जांच सीओ सिटी प्रशांत किरण को दी गई है।
उल्लेखनीय है कि मनोज महला पर 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जो कि उसे झुंझुनूं जिले के बलरिया का निवासी बनाते हैं। इसके अलावा, दादिया थाने में दर्ज मामले में अभी तक मुख्य सरगना रविंद्र कटेवा सहित अन्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। यह साफ है कि पुलिस को कानून के दायरे में रहकर काम करना होगा आर किसी भी अपराधी को विशेष सुविधा उपलब्ध नहीं करानी चाहिए।
इस प्रकार, यह घटना न केवल मनोज महला के अपराधी इतिहास को उजागर करती है बल्कि पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली में भी सुधार की आवश्यकता की ओर संकेत करती है। इस पूरी स्थिति ने न केवल स्थानीय लोगों में असुरक्षा का भावना उत्पन्न की है बल्कि पुलिस के प्रति भी सवाल उठाए हैं। इसके चलते नागरिकों की सुरक्षा और पुलिस कार्यशैली पर गंभीरतम प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।