News Chetna

सच की ताजगी, आपकी अपेक्षा

Punjab

मंदिर में बाबा बालक नाथ जी की पवित्र फेरी का आगमन!

अमृतसर| हिमाचल प्रदेश के शाहतलाई में स्थित सिद्ध श्री बाबा बालक नाथ मंदिर में चैत्र मास के वार्षिक मेले के अवसर पर एक भव्य फेरी का आयोजन किया गया। यह फेरी रविवार को मजीठा रोड पर 88 फुट रोड स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर से शुरू होकर विशाल विहार में स्थित चिंतपूर्णी मंदिर तक पहुंची। इस अवसर पर बच्चों, महिलाओं, पुरुषों और बुजुर्गों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए, जिन्होंने इस धार्मिक यात्रा को सफल बनाया।

फेरी की शुरुआत होते ही भक्तों में एक अद्भुत उत्साह दिखाई दिया। यह यात्रा विभिन्न इलाकों से होकर गुजरते हुए चिंतपूर्णी मंदिर तक पहुंची, जहां भक्तों ने अपने दिल से बाबा जी का स्मरण किया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने ढोल और चिमटे की मधुर धुनों पर भक्ति गीत गाए, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। धार्मिक आस्था और सच्चे विश्वास के साथ जोश के साथ चल रही इस फेरी ने पूरे माहौल में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया।

भक्तों ने फेरी के अंत में बाबा जी की आरती उतारी और फल तथा मिठाइयों के माध्यम से भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया। इस प्रसाद को पाने के लिए श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा गया। बाबा बालक नाथ के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को दर्शाते हुए भक्तों ने एक दूसरे में प्रसाद बांटकर इस मेले की खुशी को साझा किया। इस आयोजन में उपस्थित सभी लोग अपने श्रद्धा भाव के साथ इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व के रूप में मनाते नजर आए।

इस सालाना मेले की भव्यता और भक्तों की संख्या ने यह सिद्ध किया कि श्रद्धा और विश्वास के प्रतीक पर्वों में समाज के हर वर्ग के लोग सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। यही कारण है कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के बीच एकता का संदेश देते हैं, बल्कि समर्पण और प्रेम का भी प्रतीक बनते हैं। फेरी के आयोजन से न केवल धार्मिक आस्था को बल मिलता है, बल्कि यह समाज में प्रेम और भाईचारे का संदेश भी फैलाता है।

इस मौके पर भक्तों ने अपने दैनिक जीवन की व्यस्तताओं को छोड़कर एकत्र होकर साथ मिलकर बाबा बालक नाथ की भक्ति की। इस वार्षिक मेले ने श्रद्धालुओं को एक साथ लाने का कार्य किया और सभी ने एक-दूसरे के साथ इस महापर्व का आनंद लिया। एकजुटता और भक्ति के इस अनूठे मिश्रण ने इस धार्मिक उत्सव को एक विशेष अर्थ दिया।

Leave a Reply