मोगा में युवक की ट्रेन के आगे छलांग, पिता का खुलासा- मानसिक तनाव का शिकार!
मोगा में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां एक युवक ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। युवक की पहचान गुरविंदर सिंह (24) के रूप में हुई है, जो चोटियां कला गांव का निवासी था। उसकी मानसिक स्थिति को लेकर उसके परिवार में चिंता थी। पुलिस ने मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है।
गुरविंदर के पिता, सूचा सिंह, ने बताया कि उनका बेटा मेहनत मजदूरी करता था, लेकिन मानसिक परेशानियों का सामना कर रहा था। परिवार के सदस्यों के अनुसार, गुरविंदर बीते दिनों घर से काम के लिए निकला था, लेकिन देर रात गांव के कुछ लड़कों ने परिवार को सूचित किया कि उसका निधन हो गया है। जब परिवार मौके पर पहुंचे तो उन्होंने रेलवे ट्रैक पर अपने बेटे का शव देखा, जो एक गंभीर और हृदयविदारक दृश्य था।
पुलिस जांच अधिकारी, एएसआई सुरजीत सिंह ने बताया कि उन्हें इस घटना की सूचना मिली थी कि गांव चोटियां कला के पास एक युवा ने ट्रेन के नीचे आकर आत्महत्या कर ली है। मौके पर पहुंचने पर शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कार्रवाइयों के लिए मोगा के अस्पताल भेज दिया गया। जांच अभी भी चल रही है और इस संदर्भ में सभी आवश्यक कारवाई की जा रही है।
यह घटना न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए एक बड़ा सदमा है। आत्महत्या की यह घटना मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को दर्शाती है और समाज में इसकी जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर करती है। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए उचित समर्थन और संसाधनों की उपलब्धता बेहद जरूरी है, ताकि किसी भी व्यक्ति को ऐसे गंभीर निर्णय लेने की नौबत न आए।
इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं, जैसे कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी और लोगों को सहायता प्रदान करने की प्रणाली। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोग अपनी समस्याओं को खुलकर साझा कर सकें और उनकी सहायता हो सके। गुरविंदर Singh की आत्महत्या ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि समाज को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों को गंभीरता से लेना चाहिए और उन पर कार्य करना चाहिए।
इसके अलावा, यह घटना दूसरे परिवारों को भी चेतावनी देती है कि कैसे किसी अपने की मानसिक परेशानी को अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है। परिवारों को ध्यानपूर्वक अपने सदस्यों की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर उन्हें पेशेवर मदद प्राप्त करानी चाहिए। ऐसी घटनाएं केवल व्यक्ति की नहीं, बल्कि परिवार और समुदाय की हानि होती हैं, और इनसे बचाव के लिए एकजुट होकर प्रयास करने की आवश्यकता है।