निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज! मेयर प्रत्याशी ज्वालापुर क्षेत्र का बनाने की उठी मांग
निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज! मेयर प्रत्याशी ज्वालापुर क्षेत्र का बनाने की उठी मांग
हरिद्वार, 16 दिसंबर (हि.स.)। नगर निगम चुनाव में मेयर सीट ओबीसी महिला आरक्षित होने के बाद ओबीसी समाज के नेता सक्रिय हो गए। इसी क्रम में ज्वालापुर धीरवाली स्थित बैंक्वेट हॉल में ज्वालापुर क्षेत्र से कांग्रेस के निवर्तमान पार्षदों, कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने बैठक का आयोजन किया। बैठक में वक्ताओं ने ज्वालापुर क्षेत्र से मेयर प्रत्याशी बनाने की मांग उठाई। सभी ने एकमत होकर युवा नेता वरुण बालियान के परिवार के सदस्य को टिकट देने पर सहमति जताई।
पूर्व विधायक अमरीश कुमार की धर्मपत्नी डॉ. प्रतिमा ने कहा कि ज्वालापुर क्षेत्र के विकास के लिए मेयर भी ज्वालापुर क्षेत्र से होना चाहिए। शिवालिकनगर नगर पालिका बना और उसका विकास हुआ। जबकि ज्वालापुर शिवालिकनगर से पुराना क्षेत्र है। ज्वालापुर के साथ भेदभाव होता है। पूर्व राज्यमंत्री नईम कुरैशी और हाजी इरफान ने कहा कि सभी एकजुट होकर कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी को जिताएंगे। ज्वालापुर क्षेत्र ने पिछले चुनाव में भी सबसे अधिक वोट देकर कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी को जिताया। एक-एक वोट कीमती है। जो जिताऊ प्रत्याशी है उसको टिकट मिलना चाहिए।
तीर्थपाल रवि, अरविंद चंचल ने कहा कि ज्वालापुर ने समर्पण भाव से कांग्रेस को अधिक से अधिक वोट दिया है। पार्टी जिसको भी प्रत्याशी बनाएगी सोच समझ कर बनाएगी। ज्वालापुर की आवाज शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचनी चाहिए। निवर्तमान पार्षद इसरार सलमानी और सोहेल कुरेशी ने कहा कि पूर्व विधायक अमरीश कुमार ने ज्वालापुर की आवाज को समय समय पर उठाया था। वैसा ही नेता अब चाहिए। युवा नेता वरुण बालियान उसी मार्ग पर चलते हैं। एकजुट होकर ज्वालापुर के युवा नेता वरुण बालियान के परिवार से किसी को प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए। अमरीश कुमार के सपनों को वरुण बालियान पूरा कर सकता है।
ब्लॉक अध्यक्ष अंकित चौहान, पप्पू वाल्मीकि ने कहा कि ज्वालापुर क्षेत्र भाईचारे का क्षेत्र है। आज ज्वालापुर को अमरीश कुमार की बहुत आवश्यकता है। उनकी कमी वरुण बालियान का परिवार पूरी कर सकता है। वरुण बालियान ने कहा कि संगठन अवसर देगा तो संगठन को निराश नहीं किया जाएगा। जिसको भी संगठन प्रत्याशी बनाएगा उसको पूरा समर्थन रहेगा। बीजेपी धर्म के नाम पर तोड़ रही है जिसका जवाब वोट के माध्यम से देना होगा। युवाओं में नशाखोरी बढ़ रही है और सरकार इस पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही।