आयुर्वेद उपचार से गंभीर बीमारियों का सटीक इलाज संभव: विजय कौशल महाराज
आयुर्वेद उपचार से गंभीर बीमारियों का सटीक इलाज संभव: विजय कौशल महाराज
-मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, आयुर्संजीवनी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा
मेरठ, 31 अगस्त (हि.स.)। आय़ुर्वेद जीवन के निर्माण की विधा है। अगर कहीं प्राण हैं तो सिर्फ आयुर्वेद में हैं बाकी सभी पैथी में सिर्फ शरीर का इलाज किया जाता है। ये बातें आईआईएमटी आय़ुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में शनिवार को आयुर्संजीवनीः आयुर्वेदिक चिकित्सा केन्द्र के उद्घाटन पर संत एवं कथावाचक विजय कौशल जी महाराज ने कही।
आईआईएमटी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल व मिरेकिल पेय पदार्थ लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में आईआईएमटी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में आयुर्संजीवनीः आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र का शनिवार को भव्य उद्घाटन किया गया। विजय कौशल जी महाराज ने कहा कि आयुर्वेद के माध्यम से समाज को नई दिशा देने की आवश्यकता है। इस विधा से गंभीर बीमारियों का भी सटीक इलाज किया जा सकता है। आयुर्वेद में कोई कमी नहीं है मगर वैद्यों ने शोध में पर्याप्त परिश्रम नहीं किया। इसके कारण लोगों में मान्यता बन गई है कि आयुर्वेद सिर्फ चूरण चटनी वाली पैथी है। आयुर्वेद उपचार से गंभीर बीमारियों का भी सटीक इलाज किया जा सकता है। समाज को आयुर्वेद उपचार के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। इस दौरान आईआईएमटी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल और मिरेकल पेय प्राइवेट लिमिटेड के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
कार्यक्रम में आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता ने कहा कि डॉ. एमएस राजू ने भारतीय प्रशासनिक सेवा को छोड़कर अपना जीवन आयुर्वेद को समर्पित कर दिया है। अब उनके इस व्रत और संकल्प का लाभ आईआईएमटी में आयुर्संजीवनी के माध्यम से क्षेत्र की जनता को मिलने वाला है। पूर्व आईएएस डॉ. एसएम राजू ने कहा कि आयुर्वेद, योग, प्राणायाम, ध्यान से भारत को मेडिकल क्षेत्र में अग्रणी बनाया जा सकता है। उन्होंने आहार परम औषधि के आधार पर बेहतर स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार को सबसे बेहतर औषधि बताया।
उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि आईआईएमटी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में स्थापित आयुर्संजीवनी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। मंत्री ने श्रेष्ठ भारत और स्वस्थ भारत का संदेश देते हुए कहा कि हमें प्रकृति की ओर लौटना होगा। आय़ुर्वेद में प्रवेश से प्रकृति के करीब होने का अहसास होता है। प्रकृति अद्भुत है और यदि आप प्रकृति को संभालेंगे तो यह आपकी सभी बीमारियों को खींच लेगी। मंत्री ने कहा कि 2047 में युद्ध ज्ञान से होगा ताकत या हथियारों से नहीं। जिसके पास ज्ञान की ताकत होगी वो ही विजयी होगा। मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने यह भी कहा कि हमें सुरक्षित राष्ट्र और सुरक्षित समाज के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सहयोग करना चाहिए।
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि अभी तक उन्हें किसी गंभीर बीमारी का सामना करना नहीं पड़ा है, मगर भविष्य में कभी आवश्यकता हुई तो आयुर्वेद के विकल्प को चुनेंगे। जिलाधिकारी ने आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को उपयोगी बताते हुए कहा कि प्रशासन इसमें हरसंभव सहयोग देने के लिए तैयार है।
आईआईएमटी विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति डॉ. मयंक अग्रवाल ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आईआईएमटी आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में स्थापित आयुर्संजीवनी चिकित्सा केंद्र से मेरठ में ही जटिल से जटिल रोगों का आय़ुर्वेदिक उपचार उपलब्ध हो सकेगा। मंच संचालन वत्सला तोमर ने किया।
इस अवसर पर सीसीएस यूनिवर्सिटी मेरठ की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला, ज्योतिषाचार्य राजीव नारायण शर्मा, इंडियन वैद्याज के संस्थापक डॉ. पीयूष जुनेजा, सौरभ गुप्ता, आईआईएमटी समूह की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पियांशु अग्रवाल आईआईएमटी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. दीपा शर्मा, कुलसचिव डॉ. वीपी राकेश, प्रति कुलपति डॉ. वैभव श्रीवास्तव, डीन को-करीकुलर अफेयर्स एंड इवेंट डॉ. लखविंदर सिंह, निदेशक प्रशासन डॉ. संदीप कुमार, वित्त नियंत्रक नीरज मित्तल, मीडिया प्रभारी सुनील शर्मा आदि उपस्थित रहे।