नहर के गणेशजी महाराज का सोमवार को ध्वज पूजन कर दो दिन चौला व श्रृंगार प्रारंभ
मंदिर युवाचार्य पंडित मानव शर्मा ने बताया कि यह उत्सव मंदिर महंत पंडित जय शर्मा के सान्निध्य में सम्पन्न होगा। कार्यक्रमों की शुरुआत 25 अगस्त को ध्वज पूजन और स्थापना से होगी। इसके साथ ही 25 अगस्त की सुबह से 26 अगस्त शाम तक गणपति के नवीन चौला और श्रृंगार की तैयारी के लिए मंदिर पट बंद रहेंगे। इस अवधि में भक्तजन गणपति के चित्र का पूजन कर सकेंगे और पुराने चौले के दर्शन मंदिर परिसर के जगमोहन में होंगे।
मुख्य उत्सव 26 अगस्त शाम पांच बजे सिंजारा महोत्सव से आरंभ होगा। इस अवसर पर गणपति को विशेष लहरिया पोशाक और साफा धारण कराए जाएंगे तथा “असंख्य मोदकों” की झांकी सजाई जाएगी। साथ ही गणपति को मेंहदी अर्पित कर पूजन व आरती होगी। इसके बाद श्री प्रेम भाया सत्संग मंडल, जयपुर के विजय किशोर शर्मा एवं दीपक शर्मा भजनों की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान भक्तों को सौभाग्यवर्धक मेहंदी और नवीन चौले की सिंदूर का वितरण भी किया जाएगा।
27 अगस्त को गणेश चतुर्थी का मुख्य पर्व मनाया जाएगा। प्रातः 5 बजे मंगला आरती होगी जिसमंा गणपति को विशेष राजशाही पोशाक पहनाई जाएगी। इसके बाद नियमित आरती और वैदिक मंत्रों के साथ दूर्वा समर्पण किया जाएगा। सुबह 11:30 बजे गणपति के जन्मोत्सव का अभिषेक, पूजन और विशेष आरती होगी, जिसके बाद मोदक और 56 भोग अर्पित किए जाएंगे। शाम को आरती 7 बजे तथा रात्रि शयन आरती 12 बजे होगी।
28 अगस्त को ऋषि पंचमी के पावन पर्व पर सप्तऋषियों का पूजन और ब्राह्मणों का सम्मान किया जाएगा। इस दिन भी सुबह और शाम की आरती के साथ भजन संध्या का आयोजन होगा।
भक्तों की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने महिला और पुरुष भक्तों के लिए अलग-अलग रेलिंग व्यवस्था की है। जूते-चप्पलों की सुरक्षा, जल सुविधा, पार्किंग, सीसीटीवी कैमरे, 50 सुरक्षा गार्ड और मंदिर के 150 कार्यकर्ता सेवाएं देंगे। मुख्य द्वार पर सहायता केंद्र और डॉक्टर की फर्स्ट एड व्यवस्था भी की जाएगी।
तीनों दिन मंदिर परिसर में भव्य विद्युत सजावट की जाएगी और पचरंगी झंडों तथा रंग-बिरंगी सजावट से मंदिर को अलंकृत किया जाएगा। 27 अगस्त की शाम को भव्य आतिशबाजी और बैंड वादन आकर्षण का विशेष केंद्र रहेगा।