जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने भोपाल में क्लर्क को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा
वाणिज्य कर कार्यालय छिंदवाड़ा में सहायक ग्रेड 2 में पदस्थ ऊषा दाभीरकर की जाति प्रमाण पत्र को लेकर कुछ समस्या जा रही थी, जिसकी जांच कार्यालय आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग राजीव गांधी भवन भोपाल द्वारा की जा रही थी।
चूंकि उषा दाभीरकार की नौकरी 2 साल की बची थी और इसे वरिष्ठ अधिकारियों से बचाते हुए दबाकर रखने के लिए आरोपी जीवन लाल बरार द्वारा बार-बार डिमांड की जा रही थी। जांच से बचने के लिए जीवन लाल बरार ने 5 लाख रुपए की डिमांड की, और यह भी आश्वासन दिया कि जांच पत्र अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाएगा, लेकिन इसके लिए रुपए देने होंगे। उषा ने रिश्वत की राशि कम करने को कही। लेकिन, जीवन लाल नहीं माना, परेशान होकर ऊषा दाभीरकर ने जबलपुर लोकायुक्त एसपी अंजुलता पटले से की। शिकायत की जांच सही पाए जाने पर टीम गठित की गई।
सोमवार को आरोपी ने रिश्वत के रुपए लेकर अपने घर जी-1 प्रशासनिक अकादमी के सामने पंचशील नगर भोपाल बुलाया था।
जबलपुर से 300 किलोमीटर दूर से पहुंची जबलपुर लोकयुक्त टीम ने 61 वर्षीय जीवन लाल बरार को रिश्वत की पहली किश्त 1 लाख रुपए के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
लोकायुक्त पुलिस द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम1988 (संशोधन) 2018 की धारा 7,13 (1) B ,13 (2) के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है। ट्रैप टीम में उप पुलिस अधीक्षक नीतू त्रिपाठी, निरिक्षक रेखा प्रजापति, निरीक्षक उमा कुशवाहा, निरीक्षक जितेंद्र यादव एवं अन्य सदस्य मौजूद रहे।