लकवाग्रस्त हुए अंतरराष्ट्रीय धावक टिपरिया तियू के पुत्र को नौकरी देने का आश्वासन
कभी अंतरराष्ट्रीय मास्टर्स एथलेटिक्स में भारत का नाम रोशन करनेवाले दिग्गज धावक टिपरिया तियू (80) अब आंशिक लकवे से पीड़ित हो गए हैं। अब वे चलने-फिरने में असमर्थ हैं और घुटनों की गंभीर समस्या से भी जूझ रहे हैं।
उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी मिलते ही एसआर रूंगटा ग्रुप की ओर से शनिवार को उन्हें एक नि:शुल्क व्हीलचेयर प्रदान की गई। साथ ही ग्रुप ने उनके एक बेटे को नौकरी देने का भी आश्वासन दिया है।
आदिवासी हो समाज महासभा के वरीय उपाध्यक्ष बामिया बारी ने बताया कि टिपरिया तियू के लिए व्हीलचेयर उपलब्ध कराने में समाजसेवियों संजय पुरती, बसंत हेंब्रम, बामिया बारी और मोतीलाल हेंब्रम का सराहनीय योगदान रहा।
देश-विदेश में कमाया नाम
टिपरिया तियू का नाम मास्टर्स एथलेटिक्स की दुनिया में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उन्होंने भारत सहित अमेरिका, श्रीलंका, यूरोप और कई एशियाई देशों में प्रतियोगिताओं में भाग लिया और अनेक मेडल जीतकर देश का गौरव बढ़ाया। उनके घर में इतने पदक हैं कि वे खुद भी अब उनकी गिनती नहीं रख पाए हैं।
पूर्व में उन्हें टाटा स्टील, नोवामुंडी में खेल कोटे से नौकरी भी मिली थी। मूल रूप से खूंटपानी प्रखंड के गिंडीमुंडी गांव के निवासी टिपरिया तियू फिलहाल डिलियामार्चा गांव में अपने परिवार के साथ रहते हैं।
हमेशा मदद को आगे रहा रूंगटा ग्रुप
टिपरिया तियू की खेल यात्राओं में आर्थिक सहयोग देने में चाईबासा स्थित एसआर रूंगटा ग्रुप का हमेशा योगदान रहा है। विदेश यात्राओं सहित अन्य खर्चों की भरपाई ग्रुप करता रहा है। ग्रुप के प्रमुख मुकुंद रूंगटा से उनके व्यक्तिगत संबंध भी काफी घनिष्ठ रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी हरसंभव मदद की जा रही है।