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Himachal Pradesh

हिमाचल में एक हफ्ते तक भारी बारिश के आसार, भूस्खलन से 3 नेशनल हाइवे व 397 सड़कें ठप

लगातार हो रही वर्षा से प्रदेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। सोमवार को सिरमौर के पांवटा साहिब, कुल्लू के आनी और मंडी सदर उपमण्डल में संबंधित एसडीएम ने सभी शिक्षण संस्थानों व आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित किया। बीती रात सिरमौर के धौलाकुआं में सर्वाधिक 113 मिमी बारिश दर्ज हुई, जबकि जोत और मेलरान में 70-70 मिमी, पालमपुर में 58 मिमी और जतौन वेरेज में 49 मिमी वर्षा हुई।

राज्य भर में 3 नेशनल हाइवे 397 सड़कें ठप

भारी बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार सोमवार सुबह तक प्रदेश में तीन नेशनल हाईवे और 397 सड़कें अवरुद्ध रहीं। इनमें अकेले मंडी जिले में 193 सड़कें बंद हैं। कुल्लू में 85, चम्बा में 29, कांगड़ा में 27, सिरमौर में 22 और शिमला में 21 सड़कें बंद हैं। कुल्लू में एनएच-305, किन्नौर में एनएच-5 और मंडी में एनएच-21 पर यातायात पूरी तरह बाधित है।

इस बीच शिमला–मंडी सड़क भी सतलुज नदी की तेज धारा से हुए कटाव के कारण गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। आरडी 51/555 पर सड़क की चौड़ाई घटकर मात्र डेढ़ मीटर रह गई है, जिससे वाहन चलाना असुरक्षित हो गया है। यह मार्ग 51/000 से 52/000 तक सभी वाहनों के लिए अगले आदेश तक बंद रहेगा। वैकल्पिक थाली ब्रिज मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो चुका है। इसके कारण इस समय कोई वैकल्पिक सड़क उपलब्ध नहीं है।

राज्यभर में 883 ट्रांसफार्मर खराब

भारी बारिश से प्रदेश में बिजली और पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। राज्यभर में 883 ट्रांसफार्मर बंद हैं, जिनमें से 543 केवल कुल्लू जिले में हैं। 303 ट्रांसफार्मर मंडी में ठप हैं। इसके अलावा 122 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिनमें मंडी में 44 और कांगड़ा में 41 शामिल हैं।

अब तक इस मानसून सीजन में प्रदेश में 263 लोगों की मौत हो चुकी है, 37 लापता हैं और 332 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में मंडी में सर्वाधिक 47, कांगड़ा में 41, चंबा में 31, शिमला में 26, किन्नौर में 24 और कुल्लू में 22 लोग शामिल हैं। इस दौरान 2456 मकान क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 581 पूरी तरह ढह गए। 361 दुकानें और 2201 पशुशालाएं भी नष्ट हो चुकी हैं। अकेले मंडी में 1296 मकान, 287 दुकानें और 1219 पशुशालाएं तबाह हुई हैं।

भूस्खलन और बारिश से 1626 पशुओं व 25,755 पोल्ट्री पक्षियों की मौत भी हो चुकी है। सरकारी आकलन के मुताबिक अब तक प्रदेश को 2173 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। लोक निर्माण विभाग को 1216 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 697 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है।

इस बीच कुल्लू जिले में औट–लारजी–सैंज सड़क मार्ग पागल नाले के समीप भारी भूस्खलन से बाधित है, जिससे 15 पंचायतों का संपर्क कट गया है। सड़क बंद होने से सब्जी मंडियों को जाने वाले वाहन चालकों को भारी दिक्कत हो रही है।

इसी तरह बिलासपुर जिले के श्री नैना देवी में बारिश के चलते पुराना बस अड्डा चौक पर स्थित एक इमारत गिर गई। इससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।

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