वोट चोरी के मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार व चुनाव आयोग को घेरा
चंडीगढ़, 25 अगस्त । हरियाणा में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा पर वोट फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए हरियाणा कांग्रेस के विधायकों ने सोमवार को चंडीगढ़ में रोष मार्च किया। वोट चोरी के मुद्दे पर कांग्रेस आज सदन के बाहर व भीतर खासी आक्रामक नजर आई।
हरियाणा कांग्रेस के विधायक सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस मुख्यालय में एकत्र हुए। यहां वोट चोरी के मुद्दे पर बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान तथा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में सभी विधायकों ने विधानसभा की तरफ कूच किया। कांग्रेस विधायक हाईकोर्ट से विधानसभा की तरफ जाने वाली सडक़ के एक नंबर चैक पोस्ट पर एकत्र हुए और हाथों में वोट चोर, गद्दी छोड़ की तख्तियां लेकर विधानसभ की तरफ पैदल मार्च शुरू किया।
पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की वोट चोरी अब सार्वजनिक हो चुकी है। भाजपा अब पूरे देश में बेनकाब हो चुकी है। हरियाणा में कई हलकों में वोट बढ़ी तो कई हलकों में जिंदा लोगों के ही वोट कट गए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव में धांधली हुई है। कांग्रेस इस धांधली के बारे में प्रदेश की जनता को बताएगी।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि चुनाव आयोग अपनी साख गंवा चुका है और हरियाणा में उसने पूरी तरह बीजेपी के इशारे पर काम किया। यही वजह है कि प्रदेश में जो वोटिंग 1 अक्टूबर को होनी थी, वो 5 अक्टूबर को हुई। उस समय भी कांग्रेस ने चुनाव आयोग की मंशा और कार्यशैली पर संदेह जताया था और तारीख स्थगित करने का विरोध जताया था। इसके बाद तमाम एग्जिट पोल्स कांग्रेस की जीत दिखा रहे थे, बावजूद इसके मुख्यमंत्री ने 7 अक्टूबर बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि बीजेपी की जीत के लिए सभी व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं।
इससे पहले वोटिंग के 50 घंटे बाद भी दो तीन बार अलग अलग समय पर डेटा बदली हुई और परिणाम से मात्र 12 घंटे पहले, वोटों में अचानक से 2.5 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई गई। इसके बारे में जिलेवार और विधानसभा वार डाटा करण सिंह दलाल की अध्यक्षता वाली जांच समिति की रिपोर्ट में रखा गया है।
काउंटिंग के दौरान यह भी देखा गया कि कई ईवीएम में 99 प्रतिशत बैटरी चार्ज मिली थी। इनकी शिकायत को चुनाव आयोग को की गई, लेकिन उसने नजरअंदाज कर दी और आज तक भी कोई सही उत्तर नहीं दिया गया।
कांग्रेस विधायक पैदल मार्च करते हुए सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सदन के भीतर पहुंच गए जहां पहले से ही भाजपा के कई विधायक और मंत्री मौजूद थे। कांग्रेस विधायकों ने सदन के भीतर पहुंचकर वोट चोरी के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस विधायक कार्यवाही शुरू होने से पहले ही स्पीकर वेल में एकत्र हुए और ट्रेजरी बैंचों की तरफ नारेबाजी शुरू की। इसके जवाब में भाजपा विधायकों ने भी फर्जी वोट मामले में फंसे पूर्व कांग्रेसी मंत्री का नाम लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले करीब दस मिनट तक सदन के भीतर हंगामा होता रहा। इस बीच सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो स्पीकर के चेयर पर आते ही सभी सदस्य शांत हुए।