सौगात: एफएम102.5 मेगाहट्र्ज़ पर गूंजेगा: यह आकाशवाणी का उज्जैन केन्द्र है….!
सोमवार को प्रशिक्षण के पहले दिन चयनित प्रतिभागियों को आकाशवाणी की बताया गया कि आकाशवाणी केवल एक प्रसारण संस्था नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने और श्रोताओं तक विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का सशक्त साधन है। बताया गया कि किस प्रकार रेडियो कार्यक्रम लोगो के जीवन से जुड़ते हैं और एक उद्घोषक की आवाज़ कैसे श्रोताओं के मन में विश्वास और अपनत्व पैदा करती है। उद्घोषक केवल सूचनाएं नहीं पढ़ता बल्कि कार्यक्रम की आत्मा को स्वर देता है।
सोमवार को प्रतिभागियों को युव वाणी, ग्राम सभा और महिला सभा उद्घोषणा के लिए अलग-अलग सत्र आयोजित किए गए। प्रत्येक सत्र में उद्घोषणा की शुरुआत से लेकर कार्यक्रम के समापन तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया बताई गई। कार्यक्रम आरंभ करते समय उद्घोषक की आवाज़ में उत्साह और आत्मीयता झलकनी चाहिए,वहीं समापन के समय गरिमा और संतुलन आवश्यक है। प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि भाषा की शैली कैसे बदलती है। ग्राम सभा में सहज और ग्रामीण परिवेश से जुड़ी भाषा, महिला सभा में संवेदनशील और प्रेरक भाषा तथा युवा वाणी में ऊर्जा से भरी भाषा का प्रयोग महत्व रखता है।
भोपाल,इंदौर के उद्घोषकों ने किया मार्गदर्शन
प्रशिक्षण के दौरान इंदौर से संजीव मालवीय, भोपाल केंद्र से पुरुषोत्तम और वर्तमान में उज्जैन की प्रभारी अनामिका चक्रवर्ती ने अपने अनुभव साझा किए। इन्होने उद्घोषण की बारीकियों, प्रसारण अनुशासन और श्रोताओं से जुडऩे के तरीकों पर प्रकाश डाला। बताया कि उद्घोषक के शब्दों में भावनाएं और संवेदनशीलता झलकनी चाहिए।
आकाशवाणी, उज्जैन से प्रसारित सभी कार्यक्रम एफएम 102.5 मेगाहट्र्ज़ पर सुने जा सकेंगे। प्रसारण के माध्यम से स्थानीय संस्कृति, भाषा, लोकजीवन और सामाजिक संदेशों को व्यापक स्तर पर प्रसारित किया जाएगा। अब कार रेडियो ओर स्मार्ट एक्सेसरीज के माध्यम से युवाओं को आकाशवाणी से जोड़ा जा रहा है। सत्र संचालन आकाशवाणी,भोपाल राजेश भट्ट ने किया। उन्होने स्पष्ट किया कि उद्घोषक को कार्यक्रम की प्रकृति अनुसार शब्द चयन की ओर ध्यान देना होगा। प्रसारण एक अभियान होता है,संस्थागत कार्य नहीं।