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Delhi

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सीएमडीएफ और एमएलए-एलएडी योजनाओं की समीक्षा बैठक की

इसके मुताबिक जिन विधायकों को अपने क्षेत्र में किसी विकास कार्य के लिए धनराशि की आवश्यकता होगी, वह अब इस निधि से राशि ले सकते हैं। एक प्रोजेक्ट की अधिकतम लागत 10 करोड़ रुपये तय की गई है। यह योजना स्थानीय स्तर पर विकास के लिए लचीला और गतिशील तंत्र प्रदान करेगी। इसकी विशेषता यह भी है कि प्रशासनिक विभाग, स्थानीय निकाय और स्वायत्त संस्थाएं (अपने प्रशासनिक सचिवों के माध्यम से) परियोजनाओं के प्रस्ताव तैयार करने के लिए जिम्मेदार होंगी, जो मुख्यमंत्री के निर्देशों पर आधारित होंगे। योजना विभाग प्रोजेक्ट की कुल राशि का 50 प्रतिशत अग्रिम देगा और शेष 50 प्रतिशत काम पूरा होने के बाद जारी किया जाएगा। यह भुगतान कार्य की प्रगति, उपयोग प्रमाणपत्र और पूर्णता प्रमाणपत्र के आधार पर संबंधित विभाग या एजेंसी को किया जाएगा।

क्षेत्रीय विधायक अपने फंड से विकास कार्य अब दिल्ली नगर निगम से भी करा सकेंगे। पहले यह काम सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग या दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) से ही करवा पाते थे। इसमें समस्या यह आती थी कि छोटे विकास कार्यों में ज्यादा समय लगता था, क्योंकि ये विभाग बड़े काम प्राथमिकता के आधार पर करते हैं। अब छोटे कार्य जल्द ही नगर निगम द्वारा निपटा दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री विकास निधि का उद्देश्य दिल्ली के बुनियादी ढांचे की जरूरतों को पूरा करना है। इस योजना को 2025-26 में लागू करने के लिए दिल्ली सरकार के योजना विभाग को 1400 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।

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