एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की कार्रवाई: सीबीआई का पांच लाख का इनामी और पन्द्रह साल से फरार अपराधी गिरफ्तार
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स और अपराध दिनेश एम एन यह मामला 29 जुलाई 2010 का है, जब भरतपुर जिले के कामां में तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामेश्वर दयाल रोहिल्ला के परिवार पर हमला किया गया था। पुरानी रंजिश के चलते, परसराम, डालचंद, प्रवीण उर्फ लाला और बबलू ने फायरिंग कर जज के पिता खेमचंद रोहिल्ला और भाई गिर्राज प्रसाद की नृशंस हत्या कर दी थी। इस हमले में उनके भाई एडवोकेट राजेंद्र प्रसाद रोहिल्ला, प्रमिला और अंजू भी गोली लगने से घायल हुए थे। इस जघन्य हत्याकांड का मुख्य आरोपित प्रवीण उर्फ लाला था। जो घटना के बाद से फरार था।
राजस्थान पुलिस द्वारा 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किए जाने के बावजूद जब आरोपित पकड़ में नहीं आया तो मामले की गंभीरता को देखते हुए मार्च 2011 में उच्च न्यायालय ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने इस हत्याकांड में परसराम, प्रवीण उर्फ लाला, डालचंद और पदम सिंह को दोषी माना था। इस हत्याकांड के दो वर्ष बाद आरोपित पदम सिंह व डालचंद को गिरफ्तार कर लिया गया था। सीबीआई ने भी अथक प्रयास किए और प्रवीण उर्फ लाला व परसराम की गिरफ्तारी पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया। दोनों भाई प्रवीण उर्फ लाला और परसराम पिछले 15 साल से फरार थे।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स और अपराध दिनेश एम एन बताया कि इस फरार अपराधी को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया, जहां टीम को मुखबिर से मिली सटीक सूचना के आधार पर टीम को तुरंत दिल्ली और गाजियाबाद के सीमावर्ती इलाकों में रवाना हुई। टीम ने आरोपितों की तलाश में सूचना के आधार पर राज्य एवं राज्य के बाहर कई स्थानों पर दबिश दी।
टीम ने सैकड़ों तंग गलियों और लाखों की आबादी में प्रतिदिन लगभग 20 किलोमीटर घूम कर प्रवीण की पहचान कर उसके ठिकाने का पता लगाया। जिसके बाद एजीटीएफ टीम ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से गाजियाबाद में प्रवीण के ठिकाने पर छापा मारा। वह बदले हुए नामों से फर्जी दस्तावेज बनवाकर अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था। पुलिस ने आखिरकार उसे धर दबोचा, जिससे 15 साल से चले आ रहे एक बड़े केस में पुलिस को भारी सफलता मिली। इस कार्रवाई में हेड कांस्टेबल महेंद्र कुमार, राम अवतार और अभिमन्यु कुमार सिंह की विशेष भूमिका रही। जबकि टीम में शामिल पुलिस निरीक्षक सुभाष सिंह तंवर, हेड कांस्टेबल राधा मोहन व कमल सिंह और कांस्टेबल रविंद्र सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा।