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यूईआर-2 के उद्घाटन से सोनीपत-दिल्ली एयरपोर्ट का सफर 45 मिनट में

सोनीपत, 14 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 अगस्त को 7715.59 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 75.71 किमी लंबी अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर)-2 और तीसरी रिंग रोड का उद्घाटन करेंगे। सिग्नल-मुक्त और उच्च गति वाली यूईआर-2 सड़क सोनीपत से दिल्ली एयरपोर्ट तक का सफर मात्र 45 मिनट में पूरा करेगी, जिससे समय और ईंधन की बचत होगी। यह परियोजना दिल्ली-एनसीआर के यातायात और आर्थिक विकास को नई दिशा देगी।

परियोजना का सबसे बड़ा लाभ सोनीपत को मिलेगा, जो अब औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बनने की ओर है। इस परियोजना में एनएच-344पी, एनएच-344एम और एनएच-344एन शामिल हैं, जो सोनीपत को दिल्ली, गुरुग्राम और अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ेंगे।

परियोजना के तहत बड़वासनी से बवाना तक 29.60 किलोमीटर सड़क पहले ही तैयार हो चुकी है, जिससे स्थानीय व्यापार और उद्योग में तेजी आई है। पूरे कॉरिडोर के शुरू होने के बाद दिल्ली, गुरुग्राम और अन्य औद्योगिक केंद्रों तक पहुंच पहले से अधिक सुगम हो जाएगी। स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन और उच्च सुरक्षा मानकों के कारण यह मार्ग आधुनिक बुनियादी ढांचे का प्रतीक है।

यूईआर-2 में 27 फ्लाईओवर, 2 रेलवे ओवर ब्रिज, 11 अंडरपास, 17 सबवे, 27 ब्रिज, 31 बस बे और 111 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड शामिल है। यह संरचना न केवल यातायात को तेज बनाएगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी गति देगी।

सोनीपत में औद्योगिक और रियल एस्टेट क्षेत्र को नई ऊर्जा मिलने की संभावना है। दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा से सीधा संपर्क होने से निवेश, लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और स्टार्टअप्स के अवसर बढ़ेंगे। स्थानीय रोजगार में वृद्धि और शहरीकरण की रफ्तार तेज होगी।

भारी वाहनों को दिल्ली के भीतर प्रवेश की आवश्यकता कम होने से प्रदूषण घटेगा और ईंधन व समय की बचत होगी। यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास योजनाओं में भी मील का पत्थर साबित होगी। इस सड़क का लाभ केवल दिल्ली और सोनीपत तक सीमित नहीं रहेगा। हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ से आने वाले वाहन भी बिना रुकावट दिल्ली एयरपोर्ट, गुरुग्राम और जयपुर तक पहुंच सकेंगे।

तीसरी रिंग रोड—अलीपुर से द्वारका, नजफगढ़ होते हुए महिपालपुर—भी अब पूरी तरह तैयार है। यह प्रतिदिन ढाई लाख वाहनों के बोझ को कम करेगी। सोनीपत, बहादुरगढ़ और आसपास के क्षेत्रों के लोग बिना ट्रैफिक जाम या सिग्नल के दिल्ली एयरपोर्ट और गुरुग्राम तक आसानी से पहुंच सकेंगे। यह परियोजना न केवल दिल्ली-एनसीआर के यातायात तंत्र को बदलने वाली है, बल्कि आर्थिक विकास और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को भी नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक कदम है।

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