राजगढ़ः झमाझम बारिश से चारों तरफ पानी ही पानी, प्रशासन ने निचले क्षेत्रों को किया अलर्ट
मौसम विभाग की माने तो अगले 24 घंटों में गरज-चमक व तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना जताई गई है। जिले में शनिवार दोपहर से गरज और तेज हवाओं के साथ बारिश का दौर जारी है, जिससे जिले भर में चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। जिले की नेवज, अजनार, गाडगंगा सहित अन्य नदियों का लगातार जलस्तर बढ़ने से उफान पर है। वहीं शहरी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। जिले में पिछले साल 28 जून तक 570 एमएम बारिश दर्ज की गई थी जबकि इस वर्ष 792 एमएम बारिश हो चुकी है, जिसमें ब्यावरा क्षेत्र में सबसे अधिक वर्षा 1394 एमएम से अधिक दर्ज की गई है, जबकि पिछले वर्ष 739.8 एमएम वर्षा दर्ज हुई थी। जिले में सबसे कम वर्षा सारंगपुर शहर में दर्ज हुई, जहां अभी तक 329 एमएम वर्षा दर्ज की गई है। जिले की औषत वर्षा 1100.7 एमएम है।
पिछले दो दिनों में सबसे अधिक वर्षा ब्यावरा शहर हुई है। ब्यावरा शहर के बीचों-बीच निकली अजनार नदी उफान पर है, वहीं राजगढ़ शहर के समीप से निकली नेवज नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। उधर खिलचीपुर क्षेत्र की गाडगंगा नदी उफान पर है। सोमवार को सुबह से ही तेज बारिश का दौर जारी है। पिछले दो दिनों से हो रही बारिश को देखते हुए जिला शिक्षा विभाग ने शासकीय-अशाकीय विद्यालयों में आज साेमवार काे अवकाश घोषित किया था। लगातार बारिश होने से मोहनपुरा बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीती शाम डेम के चार गेट खोले गए थे। नदियों के उफान और अनवरत रुप से जारी बारिश को देखते हुए प्रशासन ने निचले क्षेत्रों में बसे गांव व बस्तियों को अलर्ट जारी किया है। लोगों से अपील की है कि नदी-नालों के बहाव से दूरी बनाएं रखे और सतर्कता बरते। ब्यावरा शहर में के कई रहवासी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई है, जिससे लोगों को जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। क्षेत्र में अत्यधिक बारिश होने से खेतों में पानी भर गया है, ऐसे में किसानों को चिंता सता रही है कि इसी प्रकार बारिश का दौर जारी रहा तो सोयाबीन की फसल प्रभावित हो सकती है। ब्यावरा शहर में अतिवृष्टि से संभावित अनहोनी को दृष्टिगत रखते हुए चिकित्सक एवं सहयोगियों के नाम एवं नंबर जारी किए गए है। इसके लिए एक टीम गठित की गई है, जो 24 घंटे लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करने के लिए तैयार है।