जेल बंदी परिवार के सदस्यों से पैसे की जबरन वसूली मामले में हाइकोर्ट ने डीजीपी जेल से मांगा जवाब, जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान दिए निर्देश
जेल बंदी परिवार के सदस्यों से पैसे की जबरन वसूली मामले में हाइकोर्ट ने डीजीपी जेल से मांगा जवाब, जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान दिए निर्देश
बिलासपुर, 5 जुलाई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान जेल में निरुद्ध बंदियों से पैसे की जबरन वसूली पर कड़ी प्रतिक्रिया है। इस मामले में महानिदेशक जेल को व्यक्तिगत शपथपत्र में जवाब मांगा हैं। दरअसल लुकेश्वरी जोश अब्राहम ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत याचिका लगाई थी। चार जुलाई को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की सिंगल बैंच में इसकी सुनवाई हुई, तब यह मामला संज्ञान में आया।
अधिवक्ता सौरभ पांडे ने शनिवार को बताया कि सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के जेल महानिदेशक, रायपुर को इस मामले में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश देते हुए आदेश जारी किया है कि कैसे आवेदक ने अपने पति के साथ, जो हत्या के मामले में निरुद्ध है, अन्य जेल बंदियों के परिवार के सदस्यों से पैसे की जबरन वसूली की है। उन्हें जेल बंदियों द्वारा दिए गए विभिन्न खातों में राशि जमा करने के लिए मजबूर किया है, जैसा कि राज्य वकील ने कहा गया है कि आवेदक के खाते में भी कुछ राशि जमा की गई है। वहीं एक और सह आरोपित के मामले को 15 जुलाई को एमसीआरसी संख्या 3714/2025 के साथ सूचीबद्ध करने आदेश दिया है, जो कि जमानत याचिका है, जो समान अपराध में शामिल है। वहीं हाईकोर्ट ने राज्य अधिवक्ता को निर्देश दिया है कि वह इस आदेश की एक प्रति महानिदेशक जेल, छत्तीसगढ़ राज्य, रायपुर को आवश्यक जानकारी और अनुपालन के लिए भेजी जाए।
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