हरियाली तीज पर एक श्रृंगार से एक स्वरूप में सांवलिया सेठ, पहली बार एक पोशाक में तीनों प्रतिमाएं
जानकारी में सामने आया कि जन-जन की आस्था के केंद्र भगवान श्री सांवलिया सेठ के मंदिर में दूर दराज से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और कई एंटीक वस्तुएं भी भेंट करते हैं। श्रद्धालुओं की संख्या के साथ चढ़ावा राशि में भी बढ़ोतरी होती जा रही है। अभी सावन का महीना है तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। सावन में रविवार को हरियाली तीज के अवसर पर भगवान सांवलिया सेठ की तीनों ही प्रतिमाओं का श्रृंगार एक जैसा दिखाई दिया है। तीनों प्रतिमाओं की पोशाक एक जैसी है। ऐसे में यह निर्णय कर पाना मुश्किल हो गया कि कौन सी प्रतिमाएं किस स्थान की है। इस संबंध में जानकारी की तो पता चला कि रतलाम निवासी कांतिलाल पोरवाल हींग वाले की ओर से इन तीनों ही प्रतिमाओं को श्रृंगार के लिए एक जैसी पोशाक प्रदान की। मंदिर पुजारियों से आग्रह किया था। इस पर पुजारी ने एक जैसी पोशाक धारण करवाई। ऐसे में जो श्रद्धालु तीनों मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं या सोशल मीडिया पर फोटो में एक ही जैसी पोशाक में भगवान का स्वरूप देख कर चौंक गए। तीनों ही प्रतिमा एक जैसे स्वरूप में दिखाई दी है। वहीं एक जैसे श्रृंगार के कारण दर्शन भी आकर्षक बन पड़ा है। पोरवाल एक दिन पूर्व ही मुख्य मंदिर श्री सांवलियाजी मंडफिया पहुंचे थे तथा बाद में अन्य मंदिर।
धोती-कुर्ता पहने मोर पंखी मुकुट बना आकर्षण भगवान के लिए हरियाली तीज के अवसर पर धोती-कुर्ता वाली पोशाक लाई गई है। ऐसे में भगवान धोती-कुर्ता वाली पोशाक धारण किए भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। वही भगवान के लिए सफेद कलंगी का मुकुट बनवाया गया, जिसमें मोर पंख भी लगे हुए हैं जो इसे और आकर्षक बना रहे हैं।
पहले लुधियाना दिया था ऑर्डर
कांतिलाल पोरवाल ने बताया कि उन्होंने भगवान की तीनों प्रतिमाओं की पोशाक तैयार करने के लिए पहले लुधियाना संपर्क किया था। वहां से विशेष पोशाक बनवा कर आने की थी। लेकिन तीनों प्रतिमाओं का आकार छोटा एवं बड़ा है। ऐसे में वहां के कारीगर प्रतिमा को तैयार नहीं कर पाए। इस पर भादसोड़ा में ही पोशाक तैयार करवाई गई।
गुरु की भावना का किया था सम्मान
जानकारी में सामने आया कि रतलाम निवासी कांतिलाल पोरवाल के गुरु चित्तौड़गढ़ शहर में स्थित हजारेश्वर महादेव मंदिर के श्रीमहंत चंद्रभारती महाराज हैं। गत दिनों गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु पूजा के लिए पहुंचे थे। इस दौरान बातचीत में श्रीमहंत चंद्रभारती महाराज ने भावना प्रकट की थी कि सांवलिया सेठ की तीनों प्रतिमाओं को एक जैसी पोशाक पहनाएं तो बहुत ही सुंदर और आकर्षक श्रृंगार लगेगा। ऐसे में गुरु की भावना का सम्मान करने के लिए श्रद्धालु ने एक जैसी पोशाक तैयार करवाई। हरियाली तीज के एक दिन पूर्व कांतिलाल पोरवाल अपने पुत्र चेतन पोरवाल एवं परिवार के साथ सांवलियाजी पहुंचे। यहां तीनों मंदिर में पुजारियों को पोशाक दी।