नगर पालिका में करोड़ों रुपए के फर्जी भुगतान का मामला सामने आया, पार्षदों ने कलेक्टर से कहा, कार्रवाई हो
शिकायत में बताया गया कि ठेकेदार अर्पित शर्मा और शिवम कंस्ट्रक्शन द्वारा वार्ड क्रमांक 1, 5, 7, 17, 28, 31, 36 और 39 में मुरम और जीरो डस्ट डालने का दावा कर लगभग 28 लाख रुपए का भुगतान ले लिया गया। इनमें से वार्ड 7 में 13.78 लाख रुपए, वार्ड 17 में 4.45 लाख रुपए, वार्ड 5 और 36 में 5 लाख रुपए, वार्ड 31 में 2.5 लाख रुपए और वार्ड 39 में 2.45 लाख रुपए का भुगतान दर्शाया गया है। पार्षदों का आरोप है कि इन क्षेत्रों में कोई कार्य नहीं हुआ, फिर भी बिना भौतिक सत्यापन के भुगतान जारी कर दिए गए। आपत्ति जताने के बाद कुछ स्थानों पर जल्दबाजी में काम शुरू किया गया, लेकिन सीएमओ ने खुद को इस मामले से अनभिज्ञ बताया।
पार्षदों ने वार्ड क्रमांक 18 का उदाहरण देते हुए बताया कि यहां कार्य का आदेश ठेकेदार मुकेश वर्मा की फर्म मां पीतांबरा को दिया गया था, लेकिन काम अर्पित शर्मा द्वारा कराया गया। इस वार्ड में बिना कोर कटिंग कराए 36 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। यह रोड नगर पालिका अध्यक्ष के निवास के सामने बनाई गई थी। वहीं, वार्ड 28 में गणेश मंदिर से मस्जिद तक अधूरे कार्य के बावजूद ठेकेदार अर्पित शर्मा को बड़ी राशि भुगतान किए जाने का आरोप है।
कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन के समय पीएचई विभाग द्वारा नगर पालिका को रोड रिस्टोरेशन के लिए 4.5 करोड़ रुपये की राशि दी गई थी। आरोप है कि इस राशि का उपयोग मनमर्जी से किया गया और फर्जी बिल तैयार कर ठेकेदारों को भुगतान किया गया। निर्वाचित परिषद न होने के कारण इंजीनियरों ने बिना पारदर्शिता के निर्णय लिए। आरटीआई के तहत जानकारी मांगे जाने के बाद भी कोई दस्तावेज नहीं दिए गए।
पार्षदों ने मांग की है कि मुरम, जीरो डस्ट और कत्तल के भुगतान से संबंधित सभी फाइलें कलेक्टर स्वयं मंगवाकर जांच करें और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होंने पूर्व में हुई जांचों की रिपोर्ट भी सार्वजनिक करने की मांग की ताकि वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सके।