तीन कक्षों का प्लास्टर गिरा, बाल-बाल बचे 45 छात्र
पलस्तर गिरने की इस घटना से अभिभावकों और ग्रामीणों में रोष फैल गया। लोगों ने स्कूल परिसर में ताला जड़ते हुए चेतावनी दी कि जब तक मरम्मत नहीं होती, वे बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। ग्रामीणों का कहना था कि विद्यालय के चार में से तीन कक्ष जर्जर हो चुके हैं और लगातार खतरा बना हुआ है।
वल्लभनगर क्षेत्र में बीते दो दिन में यह तीसरी घटना है। रविवार को रूपावली गांव के सरकारी स्कूल में बरामदे की दीवार ढह गई थी, हालांकि अवकाश होने से जनहानि नहीं हुई। वहीं ऋषभदेव क्षेत्र के पंड्यावाड़ा स्कूल में भी रविवार को पलस्तर गिरा था। जर्जर भवन के कारण ग्रामीणों ने सोमवार को स्कूल की छुट्टी करवा दी थी।
घटना के बाद पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी भागीरथ मेघवाल ने बताया कि विद्यालय में एक सुरक्षित कक्ष तथा परिसर में लोहे की चद्दर से छाया युक्त स्थल पर वैकल्पिक रूप से कक्षाएं संचालित की जाएंगी। अभिभावकों को समझाइश दी जा रही है कि वे घबराएं नहीं, शीघ्र ही मरम्मत का कार्य कराया जाएगा।
इधर, पंड्यावाड़ा स्कूल में सोमवार को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें तय हुआ कि कक्षा 1 से 8 तक की कक्षाएं पंचायत भवन में लगाई जाएंगी, जबकि 9 से 12वीं तक की कक्षाएं विद्यालय के सुरक्षित कक्षों में ही संचालित होंगी।
गौरतलब है कि हाल ही में झालावाड़ में विद्यालय की छत गिरने से सात बच्चों की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद प्रदेशभर में विद्यालय भवनों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।