सोनीपत: पारंपरिक खेती छोड़ें, बागवानी व मधुमक्खी पालन अपनाएं: कुलपति
सोनीपत: पारंपरिक खेती छोड़ें, बागवानी व मधुमक्खी पालन अपनाएं: कुलपति
सोनीपत, 7 जुलाई (हि.स.)। मुरथल स्थित क्षेत्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र में महर्षि दयानंद
विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित सात दिवसीय वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम
का समापन हुआ। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो. सुरेश मल्होत्रा
ने शिरकत की और किसानों को परंपरागत खेती से आगे बढ़कर बागवानी आधारित खेती अपनाने
का आह्वान किया।
कुलपति ने कहा कि पारंपरिक खेती में अब मुनाफा सीमित है, जबकि
बागवानी में फलों, सब्जियों, फूलों, मशरूम, मधुमक्खी पालन, मसालों और औषधीय पौधों की
खेती से किसान अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एमडीयू की स्थापना
का उद्देश्य किसानों को तकनीकी समाधान व नवाचार उपलब्ध कराना है।
इस अवसर पर केंद्र के डॉ. अजय यादव, कृषि विभाग के पूर्व संयुक्त
निदेशक जगदीश सिंह गुलिया, राजेंद्र कौशिक, डॉ. जेके श्योराण और कैप्टन विनीत कुमार
भी उपस्थित रहे। कुलपति ने युवाओं और महिलाओं से भी आह्वान किया कि वे कृषि के आधुनिक
विकल्पों में प्रशिक्षण लें और केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं।यह प्रशिक्षण
कार्यक्रम किसानों के लिए नवाचार आधारित खेती की दिशा में एक सार्थक प्रयास सिद्ध हुआ।
—————