सरकारी योजना के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले दो आरोपित गिरफ्तार
आर्थिक अपराध शाखा की डीसीपी अमरूथा गुगुलोथ के अनुसार आर्थिक अपराध शाखा में कैप्टन शिवेंद्र सिंह बक्शी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज हुआ था। उन्होंने शिकायत में बताया कि आरोपित अनिता उपाध्याय और अन्य ने उन्हें आरजीएसएम के तहत वेंडर रजिस्ट्रेशन और सरकारी टेंडर मिलने का झांसा दिया। स्कूल ड्रेस की आपूर्ति करवाई गई, लेकिन भुगतान नहीं किया गया। उल्टे, टेंडर आवंटन के नाम पर शिकायतकर्ता से करीब दो करोड़ रुपये की राशि वसूल ली गई।
आर्थिक अपराध शाखा को अब तक ऐसे तीन और व्यापारी मिले, जिन्होंने इसी प्रकार की ठगी की शिकायत की। डीसीपी के अनुसार मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की गई। छानबीन में सामने आया कि रत्नाकर उपाध्याय ने आरजीएसएमके नाम से फर्जी वेबसाइट बनाई और अनिता उपाध्याय ने एक बैंक खाता खोला। शिकायतकर्ता से पैसे इस खाते में ट्रांसफर कराए गए। बैंक रिकॉर्ड से पता चला है कि 3.5 करोड़ रुपये की राशि फर्जी ट्रस्ट के खाते से निकालकर व्यक्तिगत उपयोग में लाई गई।
अनिता उपाध्याय, जो इस कथित ट्रस्ट की मुखिया थी। उसे भी बड़ी राशि खाते से लाभ के रूप में मिली है। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर दोनों आरोपितों को दो अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया गया। डीसीपी के अनुसार जांच में पता चला है कि पकड़ा गया रत्नाकर उपाध्याय (40) पहले से उप्र और छत्तीसगढ़ में कई आपराधिक मामलों में शामिल है। दिल्ली के पहाड़गंज थाने में बलात्कार के मामले में भी वह आरोपित है। वहीं अनिता उपाध्याय (35) फर्जी ट्रस्ट आरजीएसएम की मुखिया, छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा भी पूर्व में इसी तरह के मामले में गिरफ्तार हुई है।
डीसीपी ने लोगों से अपील की है कि किसी भी सरकारी योजना, टेंडर या निवेश से पहले संबंधित विभाग की अधिकृत वेबसाइट या कार्यालय से पुष्टि करें। नकद भुगतान से बचें और बैंकिंग माध्यम से भुगतान करें। इसके साथ ही रसीद अवश्य लें। किसी योजना की सच्चाई जानने के लिए सरकारी कार्यालय जाकर जानकारी लें और किसी भी लालच में न आएं।