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आपदा प्रभावितों को वनभूमि में बसाने की मंजूरी केंद्र से लाने को पक्ष-विपक्ष हो एकजुट: विजय पाल

आपदा प्रभावितों को वनभूमि में बसाने की मंजूरी केंद्र से लाने को पक्ष-विपक्ष हो एकजुट: विजय पाल

मंडी, 12 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस विचार मंच के पूर्व संयोजक एवं सराज कांग्रेस नेता विजयपाल सिंह ने कहा कि पदा प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए लोगों की मलकियत भूमि नहीं रही है। ऐसे में वनभूमि में उन्हें बसाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी लेनी अनिवार्य है, ऐसे में सतापक्ष के अलावा विपक्ष को साथ मिलकर चलना होगा। मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए विजयपाल सिंह ने कहा कि 30 जून की रात सराज क्षेत्र में भारी तबाही हुई है।

उन्होंने कहा कि इस आपदा से हुई तबाही की पर्यावरण से संबंधित केस स्टडी की आवश्यक्ता है। उन्होंने कहा कि इस आपदा से सराज क्षेत्र में करीब सात सौ घर ढह गए हैं, इससे कहीं अधिक गौशालाएं ढह गई है। जबकि ढाई हजार के करीब लोगों के घर असुरक्षित हो गए हैं। इस त्रासदी में 16 मैगावाट के पटीकरी प्रोजेक्ट का नामोनिशान मिट गया है। सड़कें, पेयजल योजनाएं और बिजली लाइनें बुरी तरह से प्रभावित हुई है। यहां तक कि सरकारी भूमि पर निकाली गई सड़कों का भी नामोंनिशान नहीं बचा है। ऐसे में लोगों की निजी भूमि से सड़कें बहाल करनी पड़ रही है।

उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे सड़कों की बहाली में अपनी ओर से योगदान दें। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद नेताप्रतिपक्ष जयराम ठाकुर जो सराज विधानसभा क्षेत्र के विधायक भी हैं, उन्होंने मंडी में प्रेसवार्ता कर आपदा की जानकारी दी वहीं पर कुछ राजनीतिक बातें भी कही जो इस समय नहीं की जानी चाहिए थी।

विजयपाल ने कहा कि जयराम ठाकुर राजनीति का चोला उतारकर बतौर सराज के विधायक इस आपदा में लोगों के बीच जाएं। हम भी उनके साथ हैं, आपदा में वे बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। उसी प्रकार मुख्यमंत्री ने सराज का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद तीन दिन सराज में आपदा प्रभावितों के साथ गुजारे।

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