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चंडीगढ़: सीएम नायब सैनी ने गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी के निधन पर अर्पित की श्रद्धांजलि

चंडीगढ़: सीएम नायब सैनी ने गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी के निधन पर अर्पित की श्रद्धांजलि

चंडीगढ़, 30 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब भाजपा प्रभारी विजय रूपाणी के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना में उनका निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री आज अंबेडकर भवन चंडीगढ़ में आयोजित शोक सभा में बोल रहे थे। शोक सभा में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल कौशिक सहित अन्य वरिष्ठ जन उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विजय रूपाणी का निधन हम सबके लिए गहरा आघात है। उनका संपूर्ण जीवन भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद और सेवा-भाव के आदर्शों के अनुरूप समर्पित रहा। वे एक सच्चे कर्मयोगी, विचारशील राजनेता और जनमानस से जुड़ी हुई भावना के प्रतीक थे। उनके निधन से देश ने एक ऐसा जननेता खो दिया है, जिसने पूरी निष्ठा से संगठन, सत्ता और समाज, तीनों के साथ न्याय किया। उन्होंने कहा कि विजय रूपाणी की विचारधारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की मूल आत्मा से जुड़ी रही। उनका राजनीतिक जीवन राष्ट्रप्रेम, पारदर्शिता, सुशासन और सेवा के चार स्तंभों पर आधारित था। वे दृढ़ राष्ट्रवादी विचारधारा के पक्षधर थे और भारतीय संस्कृति की जड़ों से गहराई से जुड़े हुए थे। विजय रूपाणी विनम्र और मेहनती थे, पार्टी की विचारधारा के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध थे।

उन्होंने संगठन में विभिन्न जिम्मेदारियां निभाई और गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में लगन से काम किया। उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए, जिससे गुजरात के विकास में तेजी आई, खासकर जीवन को आसान बनाने अर्थात ईज ऑफ लिविंग में। मुख्यमंत्री ने कहा कि विजय रूपाणी राजकोट पश्चिम सीट से गुजरात विधानसभा चुनाव जीतने के बाद 7 अगस्त 2016 से 11 सितंबर, 2021 तक दो कार्यकाल के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। वे वर्तमान में पंजाब भाजपा के प्रभारी थे। हरियाणा में भाजपा के संगठनात्मक विस्तार के लिए उन्होंने समय-समय पर मार्गदर्शन किया। वे कई बार हरियाणा आए और कार्यकर्ताओं को संगठनात्मक अनुशासन और सेवा की भावना से कार्य करने की प्रेरणा दी। उनकी स्मृतियां और विचारधारा हमें सदैव प्रेरणा देती रहेंगी। हम उनके दिखाए मार्ग पर चलकर जनसेवा और राष्ट्र निर्माण के पथ पर अग्रसर हो सकते हैं, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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