बीमा कंपनी अफसरों को ना दुर्घटनाग्रस्त वाहन निरीक्षण कराया ना रिपेयर एस्टीमेट दिया, राज्य आयोग ने परिवाद किया खारिज
बीमा कंपनी अफसरों को ना दुर्घटनाग्रस्त वाहन निरीक्षण कराया ना रिपेयर एस्टीमेट दिया, राज्य आयोग ने परिवाद किया खारिज
जयपुर, 23 जून (हि.स.)। राज्य उपभोक्ता आयोग ने टोटल वाहन लॉस के एक मामले में क्षतिपूर्ति राशि दिलवाने से इनकार करते हुए ऐसा परिवाद खारिज कर दिया, जिसमें ना तो बीमा कंपनी ने वाहन के एक्सीडेंट की जगह देखी और ना कंपनी अफसरों को दुर्घटनाग्रस्त वाहन का निरीक्षण कराया। आयोग के न्यायिक सदस्य निर्मल सिंह मेडतवाल, सुरेन्द्र सिंह व सदस्य करुणा जैन ने आदेश में कहा कि परिवादी ने प्रेशर प्रैक्टिस के जरिए क्लेम पास कराना चाहा है, जबकि उसका वाहन टोटल लॉस नहीं हुआ है। ऐसे में बीमा कंपनी परिवादी को किसी तरह का क्लेम देने के लिए जिम्मेदार नहीं है। आयोग ने यह आदेश मुकेश कुमार का परिवाद खारिज करते हुए दिए।
मामले से जुडे वकील विज्जी अग्रवाल ने बताया कि परिवादी ने श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी सहित अन्य के खिलाफ परिवाद दायर कर टोटल वाहन लॉस का क्लेम मांगा था। परिवाद में कहा कि उसने बीमा कंपनी से अपनी कार का बीमा करवाया था। जिसकी अवधि 13 मई 2017 से 12 मई 2018 थी। इस दौरान 10 अगस्त 2017 की रात उसके वाहन का भीलवाडा जिले में एक्सीडेंट हो गया। इस पर उसने बीमा कंपनी से क्लेम मांगा। बीमा कंपनी के सर्वेयर ने 12.13 लाख रुपए का नुकसान बताया, जबकि परिवादी के सर्वेयर ने टोटल वाहन लॉस बताते हुए 28.58 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति मांगी। जवाब में कंपनी का कहना था कि परिवादी ने गलत तथ्यों पर क्लेम लेने के लिए परिवाद दायर किया है जो खारिज किया जाए।
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