ग्वालियर : अतिवृष्टि व संभावित बाढ़ से बचाव के लिये एहतियातन पुख्ता उपाय करें: कलेक्टर
ग्वालियर : अतिवृष्टि व संभावित बाढ़ से बचाव के लिये एहतियातन पुख्ता उपाय करें: कलेक्टर
– कलेक्टर ने बाढ़ आपदा प्रबंधन की तैयारी को लेकर हुई बैठक में दिए निर्देश
ग्वालियर, 19 जून (हि.स.)। अतिवृष्टि से होने वाले जल भराव व संभावित बाढ़ से बचाव के लिये पहले से ही पुख्ता एहतियाती उपाय करें। सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र में उपलब्ध तैराक, नाव, पंप, ट्रेक्ट्रर ट्रॉली, जेसीबी मशीन, फायर ब्रिगेड, लाइफ जैकेट, तिरपाल, रस्से व टॉर्च सहित समस्त संसाधनों की सूची तैयार करें। साथ ही यह भी तैयारी कर लें कि जरूरत पड़ने पर किस मार्ग से और किस वाहन से इन संसाधनों को मौके पर मदद के लिये पहुँचाया जायेगा। यह निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने गुरुवार को बाढ़ आपदा प्रबंधन की तैयारी को लेकर बुलाई गई बैठक में दिए।
बैठक में कलेक्टर ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे अपने – अपने क्षेत्र के उन स्थलों का अभी से भ्रमण कर आवश्यक एहतियाती उपाय मुकम्मल कर लें, जहाँ जल भराव की स्थिति निर्मित होती है। उन्होंने जल भराव की स्थिति से निपटने के लिये जरूरी संसाधनों का विकेन्द्रीकरण करने के निर्देश दिए। खासतौर पर डबरा व भितरवार में नाव सहित अन्य संसाधन अभी से पहुँचा दिया जाए। कलेक्टर ने कहा कि जब एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य के लिये जाए तब उनके साथ कोई प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारी अवश्य भेजें, जिससे टीम सही स्थान पर पहुँचकर लोगों की मदद कर सके।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार, अपर कलेक्टर कुमार सत्यम व टी एन सिंह, जिले के सभी एसडीएम एवं विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
नगर निगम के हर जोन में जल निकासी के लिये 10 – 10 पम्पों की व्यवस्था करें
कलेक्टर रुचिका चौहान ने निर्देश दिए कि पिछले साल अतिवृष्टि से जिन क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति निर्मित हुई थी, उन स्थलों के साथ-साथ अन्य संभावित जल भराव वाले स्थलों को चिन्हित कर अभी से जल निकासी की व्यवस्था कराएं। उन्होंने ग्वालियर शहर के सभी 25 जोन में जल निकासी के लिये 10 – 10 पम्प की व्यवस्था करने के निर्देश बैठक में मौजूद अपर आयुक्त नगर निगम को दिए। साथ ही कहा कि ग्वालियर शहर में दीनदयाल नगर, आदित्यपुरम, बहोड़ापुर, आनंदनगर व शीलनगर सहित अन्य ऐसे निचले क्षेत्र जहाँ जल भराव की स्थिति निर्मित होती हैं वहाँ पर पानी की निकासी के लिये अभी से इंतजाम किए जाएं, इस कार्य में कोई ढ़िलाई न हो। उन्होंने इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में जल निकासी के लिये पम्पों की व्यवस्था करने के लिये कहा। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में भी पम्पों की व्यवस्था करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए।
स्कूलों व छात्रावासों में जल निकासी के पुख्ता प्रबंधन हों
कलेक्टर कहा कि जिले के जिन स्कूलों व छात्रावासों के परिसर में जल भराव की स्थिति बनती है वहाँ पर नालियां इत्यादि बनाकर अभी से जल निकासी की व्यवस्था करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी व डीपीसी को दिए। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रावासों में जालियां व खिड़की तथा दरवाजों के नीचे स्ट्रिप लगाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें, जिससे कीड़े-मकोड़े प्रवेश न कर पाएं। इस काम को पूरी गंभीरता के साथ अंजाम देने के उन्होंने निर्देश दिए।
बाँधों व पिकनिक स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता उपाय करें
बरसात के दौरान जिले में स्थित बाँधों, नदियों, वाटर फॉल इत्यादि पिकनिक स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने पर भी कलेक्टर ने विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि पिकनिक स्पॉट पर चेतावनी के लिये शाइन बोर्ड लगाने के साथ-साथ रैलिंग इत्यादि की व्यवस्था की जाए। इसी तरह ऐसे पुल-पुलियाँ जिनके ऊपर से बरसात के दौरान पानी निकलता है वहाँ पर भी चेतावनी के बोर्ड लगाएं। साथ ही जरूरत के मुताबिक ड्रॉप गेट भी बनवाए जाएं।
रेलवे अंडरब्रिज से जल निकासी की भी पुख्ता व्यवस्था हो
कलेक्टर रुचिका चौहान ने बैठक में मौजूद रेलवे के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में स्थित सभी रेलवे अंडरब्रिज में बरसात के दौरान भरने वाले पानी की जल्द से जल्द निकासी के लिये हर ब्रिज पर पंप लगाने की व्यवस्था करें। उन्होंने अंडरब्रिज में पानी भरा होने पर आवागमन रोकने की व्यवस्था करने के लिये भी कहा।
बांधों से पानी छोड़ने की सूचना पहले से ही दें
कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बरसात के दौरान जिले के जिन बांधों के गेट खोलकर पानी छोड़ने की स्थिति निर्मित हो तो इसकी सूचना समय से दी जाए, जिससे इस पानी से प्रभावित होने वाले गाँवों को समय रहते सचेत किया जा सके। साथ ही जरूरत पड़ने पर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने की व्यवस्था की जा सके।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित
बैठक में जानकारी दी गई कि अतिवृष्टि व संभावित बाढ़ से निपटने के लिये कलेक्ट्रेट में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जा चुका है, जिसका टेलीफोन नम्बर 0751-2446232 है। कलेक्ट्रेट के कक्ष क्र.-301 में स्थापित किए गए कंट्रोल रूम के प्रभारी अधिकारी का दायित्व अधीक्षक भू-अभिलेख श्री रामनिवास शर्मा (मोबा. 9131608591) को सौंपा गया है।
आईआरटी का हुआ गठन
अतिवृष्टि व संभावित बाढ़ से निपटने के लिये की जा रही तैयारियों के सिलसिले में जिले के हर राजस्व अनुविभाग में आईआरटी (इंसीडेंट रिस्पाँस टीम) का गठन किया जा चुका है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने सभी एसडीएम को आईआरटी की रिहर्सल करने के निर्देश बैठक में दिए।
सचेत एप पर मिलता है मौसम का अलर्ट, किसानों से कराएं डाउनलोड
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि सचेत एप पर पहले से ही मौसम की सटीक जानकारी का अलर्ट मिल जाता है, इससे लोग सचेत होकर सुरक्षित स्थानों पर पहुँच सकते हैं। इसलिये यह एप जिले में प्रमुखता के साथ किसानों से डाउनलोड कराया जाए। इस पर आकाशीय बिजली गिरने व बरसात के बारे में पहले से ही अलर्ट मिल जाता है।
दवाओं की किट व सर्प दंश के उपचार के इंजेक्शन निचले स्तर तक पहुँचाएं
कलेक्टर ने प्राथमिक उपचार के लिये दवाओं की किट तैयार कर ग्राम पंचायत स्तर तक पहुँचाने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए। साथ ही कहा कि डबरा भितरवार सहित जिले के अन्य अस्पतालों में सर्प दंश के उपचार के लिये इंजेक्शन का पर्याप्त भण्डारण करने के लिये भी कहा।