News Chetna

सच की ताजगी, आपकी अपेक्षा

UP

मीरगंज की नाहल नदी को मिलेगी नई जिंदगी, इस हफ्ते से शुरू होगा पुनर्जीवन अभियान

मीरगंज की नाहल नदी को मिलेगी नई जिंदगी, इस हफ्ते से शुरू होगा पुनर्जीवन अभियान

बरेली, 21 जून (हि.स.) । एक दौर में मीरगंज की शान रही नाहल नदी अब फिर से जीवनदायिनी बनने जा रही है। वर्षों से सूखी पड़ी इस नदी को दोबारा बहाने की तैयारियां तेज हो गई हैं। जिलाधिकारी अविनाश सिंह के नेतृत्व में प्रशासन ने इस सप्ताह से युद्धस्तर पर कार्य शुरू करने का ऐलान कर दिया है। नाहल को उसकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए पूरी प्रशासनिक मशीनरी मैदान में उतरने को तैयार है।

–सरकार की पहल, नदियों को मिलेगी नई जान

उत्तर प्रदेश सरकार ने हर जिले में एक मरी हुई नदी और एक झील को पुनर्जीवित करने की जिम्मेदारी अफसरों को सौंपी है। इसी के तहत मीरगंज की नाहल नदी को चुना गया है। एक समय था जब यह नदी 10 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचित करती थी और इलाके के पशु-पक्षियों के लिए जीवन रेखा मानी जाती थी। अब वह मात्र स्मृतियों में रह गई है। लेकिन अब नहीं। नाहल को फिर से जीवित करने का बीड़ा प्रशासन ने उठा लिया है।

–डीएम-सीडीओ ने किया स्थलीय निरीक्षण

हाल ही में डीएम अविनाश सिंह और मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने खुद नाहल नदी के बहाव क्षेत्र का निरीक्षण किया। यह नदी रामपुर जिले के धनेली गांव से निकलती है और बरेली के मीरगंज क्षेत्र में लाभारी गांव से प्रवेश करती है। इसके बाद कुलछा, सिलरापुर, खमरिया सानी होते हुए सिंधौली के पास पीला खार नदी में मिल जाती है। निरीक्षण के दौरान यह साफ हुआ कि नदी अब कई जगहों पर पूरी तरह सूख चुकी है।

–“नदियां जीवन की नसें होती हैं” : डीएम

डीएम अविनाश सिंह ने कहा, “नदियां केवल पानी की धार नहीं होतीं, ये जीवन की नसें होती हैं। जहां नदियां सूखती हैं, वहां जीवन भी मुरझाने लगता है। नाहल को फिर से बहाना केवल प्रशासन का ही नहीं, जनता का भी दायित्व है।” उन्होंने बताया कि इस नदी के पुनर्जीवन से न सिर्फ सिंचाई को नया सहारा मिलेगा, बल्कि पर्यावरण भी सहेजेगा।

–बनी टास्क फोर्स, अब हर स्तर पर होगा काम

नदी को दोबारा बहाने के लिए प्रशासन ने एक विशेष टास्क फोर्स गठित की है। इसमें अधिकारी, ग्राम प्रधान, सचिव सहित क्षेत्रीय प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। इस टीम की कमान मुख्य विकास अधिकारी के पास होगी, जबकि संचालन की जिम्मेदारी अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) निभाएंगे।

–उम्मीद की एक नई धारा

नौसना गांव के पास आज भी वह पुल मौजूद है, जो कभी नाहल नदी के ऊपर बना था। आज उसके नीचे केवल मिट्टी और सूखा फैला है, लेकिन अब उम्मीद की एक नई धारा बहने वाली है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चला, तो मीरगंज की यह भूली-बिसरी नदी फिर से हरी-भरी कहानी लिखेगी — पानी से, जीवन से, उम्मीद से।

Leave a Reply