इंदौरः वायु गुणवत्ता सुधार के लिए किये जाएंगे प्रभावी एवं परिणाममूलक प्रयास
इंदौरः वायु गुणवत्ता सुधार के लिए किये जाएंगे प्रभावी एवं परिणाममूलक प्रयास
– इंदौर जिले के सभी पेट्रोल पम्पों पर पीयूसी जांच केन्द्र स्थापित करना होंगे
– व्यावसायिक वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र भी किये जायेंगे चेक- अनफिट वाहनों के विरूद्ध होगी कार्रवाई
इन्दौर, 20 जून (हि.स.)। इंदौर जिले में वायु प्रदूषण के नियंत्रण हेतु प्रभावी एवं परिणाममूलक प्रयास किये जाएंगे। इसके तहत जिले में सघन अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत जिला प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम, परिवहन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण की कार्रवाई की जाएगी। अभियान में प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाईयों और वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही होगी। जिले में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए अनेक प्रभावी कदम भी उठाये जाएंगे। जिले में सभी पेट्रोल पम्पों पर पीयूसी जांच केन्द्र स्थापित करना होंगे। जांच केन्द्र नहीं होने पर कार्रवाई की जायेगी।
यह जानकारी शुक्रवार को यहां कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिला स्तरीय निगरानी एवं क्रियान्वयन समिति की बैठक में दी गई। बैठक में नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा, एमपीआईडीसी के कार्यकारी अधिकारी हिमांशु प्रजापति, अपर कलेक्टर निशा डामोर, संयुक्त संचालक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एस.एन. द्विवेदी, महाप्रबंधक उद्योग स्वप्निल गर्ग सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने निर्देश दिए कि वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी विभागों के साथ मिलकर संयुक्त कार्य योजना बनाकर उसका प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। जिले में वायु प्रदूषण के नियंत्रण के लिए प्रभावी एवं परिणाममूलक प्रयास किये जाए। प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाईयों और वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए। यह प्रयास किये जाए कि कोयले से संचालित होने वाली औद्योगिक इकाइयां जल्द ही गैस के संचालन में परिवर्तित हो जाए। इसके लिए सभी संबंधित औद्योगिक इकाइयों से संपर्क कर उन्हें समझाइश दे। समय-सीमा देकर यह कार्य करवाया जाए। समय सीमा में अपनी औद्योगिक इकाईयां गैस में परिवर्तित नहीं करने पर कार्रवाई की जाए।
इसी तरह उन्होंने वाहनों के माध्यम से प्रदूषण फैलाने वालों के विरूद्ध भी कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बगैर सूक्ष्म जांच के वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं हो। हर वाहन की सूक्ष्मता से जांच की जाना चाहिए। इसी तरह उन्होंने पोर्टल आधारित पीयूसी प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए संयुक्त जांच अभियान चलाने के निर्देश दिये और कहा कि फिटनेस और पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं रखने वालों के विरूद्ध कार्रवाई हो। ऐसे पीयूसी संचालक जो बगैर जांच के ऑफलाइन पीयूसी प्रमाण पत्र जारी कर रहें है उनके विरूद्ध भी कार्यवाही की जाए। उन्होंने पोर्टल आधारित पीयूसी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सभी पेट्रोल पंपों सहित अन्य स्थानों पर व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि ओपन बॉयोमास कचरा एवं खुले में कचरा जलाये जाने पर कार्यवाही की जाए। ज्यादा धूल उड़ने वाले स्थानों को हॉट स्पॉट के रूप में चिन्हित कर मैकेनिकल स्वीपिंग व नियमित जल छिड़काव किया जाए। शहरों के आस-पास के खेतों/ग्रामीण क्षेत्रों में पराली जलाये जाने पर सतत निगरानी रखी जाए। पराली जलाने पर चालानी कार्यवाही की जाए। बताया गया कि पराली जलाने वालों के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई की गई है। इसके तहत 25 एफआईआर दर्ज हुई है और 837 लोगों पर 18 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। शहर एवं शहर के बाहर 10 किलोमीटर क्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित इकाईयों में पर्यावरण संबंधी नियमों का सख्ती से पालन कराया जाये। इस हेतु सतत निगरानी रखी जाये। शहर की सड़कों पर जमीनी धूल-मिट्टी को हटाने हेतु की नियमित साफ-सफाई करायी जाए।