तबादला आदेश के 17 दिन बाद भी पद न छोड़ने वाले डीईओ को कांग्रेसी करेंगे पदमुक्त
तबादला आदेश के 17 दिन बाद भी पद न छोड़ने वाले डीईओ को कांग्रेसी करेंगे पदमुक्त
जबलपुर, 23 जून (हि.स.)। अपनी कार्यशैली से हमेशा विवादों में रहने वाले जबलपुर के डीईओ ने अपने ट्रांसफर आदेश की अवहेलना करते हुए पद नहीं छोड़ा है। शासकीय आदेश पर अपनी हठधर्मिता दिखा रहे डीईओ को लेकर अब विरोध के स्वर उठने लगे हैं। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश शासन ने छह जून 2025 को डीईओ के मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड के सचिव पद पर भोपाल तबादले का आदेश जारी किया था। इस आदेश के अनुसार जनको जबलपुर से कार्यमुक्त होकर भोपाल जॉइन करना था। लेकिन आदेश के 17 दिन बाद भी घनश्याम सोनी ने न तो अपना पद छोड़ा है और न ही नए पद पर कार्यभार ग्रहण किया है। सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत पटेल ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि घनश्याम सोनी ने शासन के आदेश को न मानते हुए डीईओ जबलपुर में पद पर जमे हुए हैं। हालांकि, अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
कांग्रेस ने इसे सत्ता के संरक्षण में पल रही प्रशासनिक मनमानी का मामला बताते हुए विरोध शुरू कर दिया है। कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा ने इस मामले को लेकर घोषणा की है कि 23 जून 2025 को शाम पांच बजे कांग्रेसजन एकजुट होकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुँचेंगे। साथ ही घनश्याम सोनी को पदमुक्त करेंगे। कांग्रेस का कहना है कि शिक्षा विभाग को भी अपनी भ्रष्ट गतिविधियों से कलंकित करने वाले भ्रष्ट इस अधिकारी को अब कांग्रेस स्वयं उसे कुर्सी से उतारेगी। घनश्याम सोनी के कुर्सी न छोड़ने का सीधा असर विभागीय कार्यों पर पड़ा है। जबलपुर जिले में डीईओ का पद खाली दिख रहा है क्योंकि नई नियुक्ति अब तक नहीं की गई है। ऐसे में समर कैंप्स, शिक्षकों की नियुक्तियाँ, अनुदान, छात्रवृत्तियों और अन्य योजनाओं में रुकावटें आ रही हैं।
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग में घनश्याम सोनी की राजनीतिक गलियारों में गहरी पकड़ है। यही वजह है कि 2019 में पन्ना स्थानांतरित होने के बावजूद वे कुछ ही समय में जबलपुर लौट आए थे। तब से लगातार एक ही जिले में पदस्थ हैं।
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