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अनूपपुर: कल्याण सेवा आश्रम द्वारा संचालित कपिला गौशाला को आचार्य श्री विद्यासागर जीवदया का तृतीय पुरस्कार

अनूपपुर: कल्याण सेवा आश्रम द्वारा संचालित कपिला गौशाला को आचार्य श्री विद्यासागर जीवदया का तृतीय पुरस्कार

मुख्यमंत्री ने गौशाला प्रबंधक को सौंपा 2 लाख का चेक एवं प्रशस्ति पत्र

अनूपपुर, 21 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री निवास में पहली बार गौशाला सम्मेलन प्रदेश भर के सरकारी और निजी गौशालाओं के संचालक और साधु-संत भी मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। इस आयोजन में अनूपपुर जिले के पवित्र नगरी अमरकंटक के कल्याण सेवा आश्रम ट्रस्ट द्वारा संचालित कपिला गौशाला को आचार्य श्री विद्यासागर जीवदया पुरस्कार (व्यक्तिगत श्रेणी) 2023-24 का राज्य स्तर का तृतीय पुरस्कार प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 2 लाख रुपए का चेक एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। पवित्र नगरी कल्याण सेवा आश्रम ट्रस्ट अमरकंटक की ओर से स्वामी धर्मानंद जी महाराज ने चेक एवं प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया।

उल्‍लेखनीय है कि परम तपस्वी बाबा कल्याण दास जी महाराज के विशेष कार्यों के तहत गौशाला का संचालन कल्याण सेवा आश्रम के द्वारा किया जा रहा है। कल्याण सेवा आश्रम के प्रबंधक ट्रस्टी हिमाद्री मुनि जी महाराज द्वारा कपिला गौशाला का कुशल देख रेख एवं व्यवस्था संचालन में कल्याण सेवा आश्रम ट्रस्ट अमरकंटक द्वारा 8 कपिला संगम में गौ संरक्षण,गौ संवर्धन एवं उपचार का बेहतर ढंग व उच्च तकनीक द्वारा किया जाता है।

वर्तमान समय में कपिला गौशाला लगभग सवा दो सौ गौमाता एवं बछड़े हैं। गौ माता की सेवा एवं अन्य व्यवस्था के हेतु गौशाला में कल्याण सेवा आश्रम के द्वारा 20 कर्मचारी निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। गौ माता की सेवा सुश्रुआ देखभाल एवं भोजन आदि की व्यवस्था व्यवस्थित रूप में की जाती है ,बीमार होने पर त्वरित उपचार की विशेष व्यवस्था है। इतना ही नहीं गौशाला के प्रत्येक हाल में गौ माता को भगवान कृष्ण की मधुर बांसुरी धुन 24 घंटे बजती रहती है। गोबर गोमूत्र होने पर त्वरित साफ सफाई व्यवस्था है।

इस सम्‍मान के मिलने पर हिमाद्री मुनि महाराज ने मुख्‍यमंत्री डॉ माेहन यादव का बहुत आभार माना है। उन्‍होंने कहा कि हम गौसेवा कर रहे हैं, यह बिना सोचे कि इसके लिए हमें कोई सम्‍मान मिलेगा या नहीं, भारतीय सनातन संस्‍कृति में गाय का महत्‍व मनुष्‍य से अधिक बताया गया है। इसलिए हम वही कार्य कर रहे हैं जो हमारे शास्‍त्र हमें करने की आज्ञा देते हैं। फिर भी हमारे इस कार्य को समाज की स्‍वीकृति के साथ शासन की स्‍वीकृति मिली है, यह बहुत अच्‍छा है। निश्‍चित ही इसके लिए माननीय मुख्‍यमंत्री जी का हम अपने आश्रम की ओर से धन्‍यवाद करते हैं।

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