मलिहाबाद के आमों पर कीड़ों का कहर, आंधी-पानी से पैदावार आधी, जानें नया सुरक्षा जुगाड़!
इस साल के आम के मौसम में मलिहाबाद के बागों की स्थिति कुछ विशेष रही है। स्थानीय बागवान जुगल किशोर तिवारी के अनुसार, इस वर्ष आम के पेड़ों पर बौर तो भरपूर आया, लेकिन तेज आंधी ने उसके खूबसूरत फूलों को गंभीर नुकसान पहुंचाया, जिसके परिणामस्वरूप बहुत से फूल फल में परिवर्तित नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि इस वर्ष आम की पैदावार में कमी होगी। बागों में रामकेला, दशहरी, चौसा और बंबइया आम के पौधे लगे हैं, जिनमें कई पेड़ कीड़ों के हमले का सामना कर रहे हैं। बागवानों द्वारा कीड़े से निपटने के लिए दवा का छिड़काव किया जा रहा है।
मलिहाबाद से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इन बागों की स्थिति दिखाती है कि आम उत्पादन में इस बार कमी देखने को मिलेगी। दैनिक भास्कर की टीम ने मौके पर पहुंचकर आम की स्थिति, चुनौतियों और मार्केट में आने वाले आम की क्वालिटी पर चर्चा की। इस बार उन पेड़ों पर भी बौर आया जो पिछले कुछ वर्षों में बौर से रहित थे। बागवान उम्मीद से थे, लेकिन मौसम ने उनके इरादों पर पानी फेर दिया। तेज आंधी के चलते लगभग 50% बौर को नुकसान हुआ है जिसने आम उत्पादन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
दो अलग-अलग बागों में हमारी मुलाकात सोहन लाल और दीपक तिवारी से हुई। सोहन लाल ने बताया कि उनके बाग में आम को सुरक्षित रखने के लिए विशेष बैग का उपयोग किया जा रहा है जिससे कटर कीड़ा आम को कष्ट न पहुंचा सके। उनका कहना है कि आम को बैग में रखने से न केवल उनकी सुरक्षा होती है बल्कि आम का रंग और गुणवत्ता भी बेहतर होती है। दीपक ने हमें विभिन्न प्रकार के आमों की जानकारी दी, जिसमें गुलाब खास और मलका आम की विशेषताएं शामिल थीं। उन्होंने बताया कि कुछ आम जैसे लखनउआ और चौसा आम विशेष प्रशंसा के पात्र हैं।
हालांकि, सबसे बड़ी समस्या कटर कीड़ा रहा, जिसके खिलाफ बागवान लगातार दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं। यह कीड़ा आम के पेड़ में दो विशेष प्रकार से हमला करता है, जिससे आम या तो नीचे गिर जाते हैं या खराब हो जाते हैं। इस समस्या का समाधान योजना बनाकर ही किया जा सकता है, जिससे बागवानों को अधिक लाभ की संभावना बनी रहे। काकोरी और माल में भी स्थिति बहुत कमोबेश समान है, जहाँ बागवान बौर आने से खुश थे, लेकिन मौसम के अचानक परिवर्तन ने उन्हें निराश किया है।
वहीं फिरोज खान ने पेड़ों की नर्सरी विकसित की है जिसमें उन्होंने 12 तरह के आमों को ग्राफ्ट किया है। उनका मानना है कि अगले साल वे अलग-अलग प्रकार के आमों का उत्पादन कर सकते हैं। इस दौरान दुबग्गा सब्जी-फल मंडी में आम की बिक्री की भी जानकारी सामने आई, जहाँ कीमतें बढ़ने की संभावना है। व्यापारियों का मानना है कि इस बार आम की पैदावार कम होने की वजह से आम महंगा हो सकता है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार आम की बाजार दरें अधिक रहने की संभावना है। इस साल की अनुकूलता एक बाग से दूसरे बाग तक अलग-अलग हो सकती है, लेकिन आम की मांग में कोई कमी नहीं दिखती है।