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दिल्ली हाई कोर्ट से तृणमूल सांसद गोखले को झटका, देना होगा 50 लाख का जुर्माना, मांगनी होगी लक्ष्मी पुरी से माफी

दिल्ली हाई कोर्ट से तृणमूल सांसद गोखले को झटका, देना होगा 50 लाख का जुर्माना, मांगनी होगी लक्ष्मी पुरी से माफी

नई दिल्ली, 02 मई (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपमानजनक ट्वीट्स (अब एक्स) के मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले की अर्जी खारिज कर दी। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी के खिलाफ किए गए ट्वीट्स के मामले में गोखले पर अदालत ने 50 लाख रुपये का जुर्माना और सोशल मीडिया पर माफी मांगने के आदेश जारी किया गया था। गोखले ने इसे वापस लेने की अर्जी दी थी। जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव ने साकेत गोखले की याचिका खारिज करने का आदेश दिया।

हाई कोर्ट ने कहा कि गोखले को जुर्माने का 50 लाख रुपये भरना होगा। इसके पहले हाई कोर्ट ने 24 अप्रैल को गोखले पर लगाए गए 50 लाख रुपये के जुर्माने की रकम उनकी सेलरी से वसूलने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा था कि साकेत गोखले की सांसद के रूप में मिल रही सेलरी से हर महीने एक लाख 90 हजार रुपये कोर्ट में तब तक जमा होंगे, जब तक 50 लाख रुपये वसूल नहीं लिए जाते।

हाई कोर्ट ने जुर्माना लागने के आदेश को वापस लेने की मांग करने वाली याचिका पर 6 मार्च को लक्ष्मी पुरी को नोटिस जारी किया था। गोखले की ओर से पेश वकील ने कहा था कि हाई कोर्ट का ये आदेश एकतरफा जारी किया गया क्योंकि उनका वकील पेश नहीं हो पाया था। हाई कोर्ट ने 1 जुलाई 2024 के अपने आदेश में गोखले को निर्देश दिया था कि वो लक्ष्मी पुरी के खिलाफ किए गए अपमानजनक ट्वीट्स के मामले में लक्ष्मी पूरी को 50 लाख रुपये का जुर्माना दें। 1 जुलाई 2024 को अपने आदेश में हाई कोर्ट ने साकेत गोखले पर जुर्माना लगाने के साथ ही अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में इस संबंध में अपना माफीनामा छापने को भी कहा था। लक्ष्मी पुरी ने 2021 में याचिका दायर की थी।

पुरी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि साकेत गोखले ने पुरी के आय का स्रोत पूछते हुए ट्वीट किया। उन्होंने कहा था कि गोखले ने 13 जून 2021 और 23 जून 2021 को किए अपने ट्वीट में कहते हैं कि उन्हें पुरी की बेटी का नाम और उसे क्या-क्या दिया गया ये जानने का मौलिक अधिकार है। गोखले ने ट्वीट में आरोप लगाया था कि पुरी ने केंद्र सरकार की सेलरी से कुछ खरीदा जिसे वह जानना चाहता है।

मनिंदर सिंह ने कहा था कि जिस प्रकार टीवी एंकर द नेशन वांट्स टू नो बोलते हैं वैसी ही गोखले ने भी कहा है आई वांट टू नो। ट्वीट में कहा गया था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जांच करनी चाहिए। वो इस तरीके से व्यवहार करता है जैसे वो ईडी और सीबीआई से ऊपर हो। उन्होंने ट्वीट किया था कि 2006 में वो डेपुटेशन पर जेनेवा राजदूत थे। ये गलत है। ट्वीट में कहा गया था कि उस समय उनकी सेलरी साढ़े दस लाख रुपये थी तो डेढ़ करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी जेनेवा में कैसे खरीदी। यह काले धन से खरीदा गया। मनिंदर सिंह ने कहा था की पुरी के पास जो भी संपत्ति है वो सार्वजनिक है। उनकी संपति ढाई मिलियन से घटकर डेढ़ मिलियन तक पहुंच गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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