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उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून लागू

उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून लागू

देहरादून, 01 मई (हि.स.)। उत्तराखंड प्रदेश में सशक्त भू-कानून लागू हो गया। भूमि प्रबंधन और भू-व्यवस्था एवं सुधार के लिए विधानसभा से पारित उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सांस्कृतिक, सामाजिक पहचान को मजबूत बनाने के लिए सख्त भू-कानून को मंजूरी प्रदान करने के लिए राज्यपाल का आभार जताया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भू-अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले लोगों के विरुद्ध भी लगातार कार्यवाही की जा रही है। व्यापक अभियान चलाया जा रहा और इस तरह की जमीनों को राज्य सरकार में निहित किया जा रहा है।

प्रदेशवासियों की जनभावना के अनुरूप उत्तराखंड में कृषि और उद्यान भूमि की अनियंत्रित बिक्री पर रोक लग जाएगी। साथ ही आवासीय, शिक्षा, अस्पताल, होटल, उद्योग जैसी जरूरत के लिए भी, अन्य प्रदेशों के लोगों को निर्धारित कड़ी प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही उत्तराखंड में तय मानकों के अनुसार ही जमीन खरीद पाएंगे। सख्त भू कानून लागू होने से प्रदेश में डेमोग्राफी चेंज की कोशिशों पर रोकथाम लग सकेगी।

विधेयक में हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर को छोड़कर शेष 11 जिलों में कृषि और बागवानी के लिए राज्य के बाहर से व्यक्ति के भूमि खरीदने पर रोक लगाई गई है। इन जिलों में उद्योग एवं अन्य उपयोग के लिए खरीदी जाने वाली भूमि का निर्धारित से अन्य प्रयोजन में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। बाहरी व्यक्ति आवासीय उपयोग के लिए 250 वर्गमीटर भूमि खरीद सकेंगे, लेकिन खरीद की अनुमति परिवार के अन्य व्यक्तियों को नहीं मिलेगी। इस संबंध में भूमि क्रेता को शपथ पत्र देना होगा। भू-कानून के प्रविधान का उल्लंघन होने पर भूमि सरकार में निहित होगी। विधेयक के प्रविधानके अनुसार भूमि खरीद की अनुमति अब जिलाधिकारी नहीं देंगे। शासन स्तर से ही यह अनुमति दी जाएगी।

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