सहारनपुर के प्राचीन शिव मंदिर से शिवलिंग चोरी, पुलिस फुटेज खंगाल रही
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद क्षेत्र में स्थित भायला कलां गांव में एक गंभीर और अस्वीकार्य घटना ने ग्रामीणों में आक्रोश उत्पन्न कर दिया है। यहां के प्राचीन शिव मंदिर से अराजक तत्वों ने शिवलिंग को उखाड़कर ले जाने की घटना को अंजाम दिया है। यह घटना तब सामने आई जब गांव के लोग बृहस्पतिवार की शाम पूजा के लिए मंदिर पहुंचे और वहां शिवलिंग को गायब पाया। जैसे ही यह समाचार गांव में फैला, सैकड़ों की संख्या में लोग मंदिर के आसपास जुट गए और स्थिति को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया।
गांव में ग्रामीणों का आक्रोश इस कदर था कि उन्होंने मौके पर ही हंगामा भड़क उठाया। पुलिस प्रशासन को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता थी, किंतु सूचना मिलने के बावजूद पुलिस ने स्थिति को संभालने में काफी विलंब किया, जिसके चलते ग्रामीणों ने उनकी कार्रवाई पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। गांव के ग्राम प्रधान देवेंद्र ने स्पष्ट किया कि इस गांव में कोई भी अन्य संप्रदाय का व्यक्ति नहीं रहता, जिससे यह बात स्पष्ट होती है कि यह कृत्य किसी आस-पड़ोस के असामाजिक तत्वों द्वारा किया गया हो सकता है।
ग्रामीणों के अनुसार, ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। कुछ साल पहले गांव के अन्य एक मंदिर में भी इसी तरह का कृत्य हुआ था, जिसमें दोषियों को अब तक पकड़ा नहीं गया है। यह स्थिति ग्रामीणों के लिए अत्यंत निराशाजनक है और अब वे आंदोलन की तैयारी में हैं। ग्रामीणों ने ठान लिया है कि वे इस बार किसी भी हाल में दोषियों को पकड़वाएंगे और उनकी सख्त सजा की मांग करेंगे।
पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच का आश्वासन दिया है। अधिकारियों ने कहा कि मंदिर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ कर न्याय दिलाया जा सके। इस घटना ने गांव में धार्मिक आस्था को गहरा आघात पहुंचाया है और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
अधिकारी इस बात का भरोसा दिला रहे हैं कि वह इस मामले में शेष सभी सूचनाएं इकट्ठा कर दोषियों को जल्द सजा दिलवाएंगे। इस तरह के कृत्य न केवल समाज में अशांति फैलाते हैं, बल्कि धार्मिक सौहार्द को भी प्रभावित करते हैं। ग्रामीणों की प्रतिक्रियाएं और भविष्य की कार्रवाइयां इस बात का संकेत हैं कि जबतक न्याय नहीं मिल जाता, तबतक वे चुप नहीं बैठेंगे। इस घटना ने एक बार फिर से धार्मिक भावना को भड़काया है और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में पुनः न हों।