कोतवाली घेराव: कन्नौज में पुलिस का लाठीचार्ज, प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा!
कन्नौज जिले के छिबरामऊ में सोमवार रात को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच violent मुठभेड़ हुई, जब लोगों ने एक नाबालिग लड़की की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने अचानक लाठीचार्ज कर दिया, जिसके बाद लोगों में हड़कंप मच गया। बताया जाता है कि इस प्रदर्शन में विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग शामिल थे, जो पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे थे। लाठीचार्ज में कई लोग घायल हो गए, जिससे नाराज प्रदर्शनकारियों ने कोतवाली का घेराव कर दिया।
घटना की शुरुआत 18 मई से होती है, जब 15 वर्षीय रुचि उर्फ लाडो को बुखार की वजह से श्रीकृष्णा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान डॉक्टर द्वारा दिए गए इंजेक्शन के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और कुछ ही घंटों में उसकी मौत हो गई। रुचि के परिजनों ने इसे डॉक्टर की लापरवाही मानते हुए आरोपी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इस मांग को लेकर मोहल्ले के लोग अस्पताल के बाहर एकत्रित हो गए और हंगामा करने लगे।
पुलिस की कार्रवाई को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने हालात को संभालने के लिए त्वरित कदम उठाया। सीओ मनोज कुमार सिंह और कोतवाल अजय अवस्थी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। हालांकि, जब परिजनों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ा तो स्थिति हाथ से बाहर हो गई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज किया, जिससे सैकड़ों लोग घायल हुए। इस बर्बर कार्रवाई ने लोगों में आक्रोश को जन्म दिया।
19 मई को इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद प्रदर्शनकारियों में और भी अधिक गुस्सा पनप गया। सोमवार की शाम, व्यापारी नेता, किसान नेता और विभिन्न समाज के लोग छिबरामऊ कोतवाली में एकजुट हुए। लगभग 500 लोगों के समूह ने पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और कोतवाली का घेराव कर दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे शांति से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें उचित सुनवाई नहीं दी और लाठीचार्ज कर दिया।
हालात और तनावपूर्ण होते गए जब प्रदर्शनकारियों ने अपनी आवाज उठाते हुए आरोपी डॉक्टर की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा कि प्रदर्शन पूरी तरह से शांति के साथ किया जा रहा था, लेकिन पुलिस ने अचानक कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने शायद आरोपी डॉक्टर को बचाने के लिए यह कदम उठाया। इस पूरे मामले ने कन्नौज जिले में एक नई महफिल खड़ी कर दी है और स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है।