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इंदौरः मंत्री सिलावट ने ऐतिहासिक अहिल्या कुण्ड में हुए जीर्णोद्धार कार्यों का किया लोकार्पण

इंदौरः मंत्री सिलावट ने ऐतिहासिक अहिल्या कुण्ड में हुए जीर्णोद्धार कार्यों का किया लोकार्पण

– देवी अहिल्या बाई होलकर ने देशभर में मंदिर, कुएं, बावड़ियां, घाट आदि का निर्माण कर कई कल्याणकारी कार्य किये

इंदौर, 26 मई (हि.स.)। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने जल गंगा संवर्धन अभियान के अन्तर्गत सोमवार को सांवेर विधानसभा के ग्राम पंचायत बरलई जागीर में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर द्वारा निर्मित 300 वर्ष पुराने ऐतिहासिक अहिल्या कुण्ड में हुए जीर्णोद्धार कार्यों का लोकार्पण किया। राज्य शासन के प्रयासों से इस कुण्ड का जीर्णोद्धार किया गया और अब इसका सौंदर्यीकरण का कार्य भी किया जायेगा। यह अहिल्या कुण्ड वीरभान सिंह की स्मृति में बनाया गया था।

मंत्री सिलावट ने ग्राम पंचायत बरलई जागीर में 35 लाख रुपये की लागत से निर्मित इमलीवाड़ी पुलिया, 13 लाख रुपये की लागत से निर्मित बागरी समाज का सामुदायिक भवन का लोकार्पण भी किया। मंत्री सिलावट ने कलश से पानी भर पहले अहिल्या कुण्ड का अभिषेक के साथ पूजन किया और पूरे क्षेत्र का अवलोकन किया। इस मौके पर भारत सिंह, दिलीप चौधरी, हुकुम पटेल, जिला पंचायत सदस्य माखन पटेल, सतीश मालवीय, मानसिंह चौहान, जनपद सदस्य भरत पटेल, रमेश पटेल, राकेश डाबी, रवि वाजपेयी, सरपंच महेश मंत्री, विजय हिरवे, सुदीप उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

मंत्री सिलावट ने कहा कि अहिल्या कुण्ड न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी भव्यता और सांस्कृतिक विरासत इसे एक संभावित प्रमुख पर्यटन केन्द्र बनने की दिशा में अग्रसर करती है। इसकी सुन्दरता और महत्व को देखते हुए इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। कुण्ड के आसपास के कैंचमेंट क्षेत्र में स्थित अतिक्रमण को हटाया जायेगा। साथ ही नाले की सफाई भी की जायेगी।

इस मौके पर मंत्री सिलावट ने पुण्य श्लोका देवी अहिल्या बाई होलकर के द्वारा किये गये विभिन्न कुएं, बावड़ी, धर्मशाला, मठ, मंदिर निर्माण आदि कल्याणकारी कार्यों को स्मरण करते हुए कहा कि अहिल्या बाई शिव भक्त, कुशल शासिका होने के साथ-साथ वह प्रजा के हितों की सदैव चिंता करती थी। सिलावट ने कहा कि अहिल्या कुण्ड सांस्कृतिक धरोहर है, जिसमें मां अहिल्या बाई होलकर की स्मृति से जुड़ी जल संरचना, जल संरक्षण का जीता जागता उदाहरण है। यह जल गंगा संवर्धन अभियान की सफलता की दूसरी सफलता है। वर्षों से उपेक्षित रहा यह अहिल्या कुण्ड अब पुनर्जीवित होकर वर्षा जल संचयन, भू-जल पुनर्भरण और ग्रामीण जल आपूर्ति के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। अहिल्या कुण्ड वर्षभर निर्मल जल से भरा रहे, इसको सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये।

सिलावट ने कहा कि बरलई जागीर में सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामुदायिक भवन आदि सभी प्रकार की सुविधाएं है। यहां का किसान आत्मनिर्भर है। आने वाले समय में यहां पर रेडीमेड गारमेंट का हब बनेगा और लोगों को व्यापार और रोजगार का अवसर मिलेगा।

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