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कोटा में धारीवाल तंबाकू मिला, जोधपुर जांच में जुटी, जीएसटी ने मारा छापा!

राजस्थान के कोटा और नागौर में हाल ही में हुई व्यापक जीएसटी चोरी की कार्रवाई के तार अब जोधपुर से भी जुड़े हैं। राज्य में जीएसटी टीम ने कोटा में एक गुप्त गोदाम से धारीवाल ब्रांड का तंबाकू बरामद किया था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए वित्त-राजस्व सचिव और स्टेट जीएसटी कमिश्नर, कुमार पाल गौतम की अगुवाई में जोधपुर की जीएसटी टीम ने सोमवार को तनावड़ा इलाके में धारीवाल प्रोडक्ट पर एक सर्वे की कार्रवाई शुरू की। बावजूद इसके, फैक्ट्री के मालिक मौके पर आने में देरी करते गए, जिसके परिणामस्वरूप टीम ने वहां से रिकॉर्ड सीज कर नोटिस जारी कर दिया।

सूत्रों के अनुसार, हाल ही में कोटा में जब जीएसटी टीम ने कार्रवाई की थी, तब उन्हें बड़ी मात्रा में तंबाकू बरामद हुआ था, लेकिन अजीब बात ये थी कि कोई भी इसके मालिकाना हक का दावा करने के लिए आगे नहीं आया। जब विभाग की टीम ने इस मामले की गहनता से जाँच की, तो पता चला कि यह तंबाकू जोधपुर में धारीवाल प्रोडक्ट नामक फर्म द्वारा भेजा गया था। जोधपुर की टीम ने सोमवार को धारीवाल प्रोडक्ट के पास जांच की, लेकिन वहां केवल एक कर्मचारी ही उपलब्ध था। उससे पूछताछ करने पर, सुपरवाइजर के आने में तीन घंटे लग गए, और ऐसा प्रतीत होता था कि वह भी कुछ खास जानकारी देने से बच रहा था।

जब जीएसटी अधिकारियों ने सुपरवाइजर से स्टॉक और अन्य मटेरियल के बारे में जानकारी मांगी, तो उसने जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद, टीम ने फैक्ट्री के मालिक से संपर्क करने की कोशिश की, जो खुद को खाटू श्यामजी में बताते हुए शाम 5 बजे तक पहुंचने का दावा कर रहे थे। लेकिन वह रात 10 बजे तक भी नहीं पहुंचे। इस स्थिति में, विभाग ने फैक्ट्री के दफ्तर को किसी तरह से खुलवाकर कई रिकॉर्ड और कंप्यूटर कब्जे में ले लिए।

सूत्रों के अनुसार, धारीवाल ब्रांड के तंबाकू की बिक्री कोरोनाकाल में असीमित हुई थी, जिसने पहले के मालिकों को जीएसटी टीम के राडार पर लाकर खड़ा कर दिया था। तब एक बड़ी छापेमारी के बाद करोड़ों की टैक्स चोरी पकड़ी गई थी, जिसके चलते मालिकों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए लगभग 25-30 करोड़ रुपए जमा किए थे। इसके बाद, उन्होंने इस कारोबार को मध्यस्थ कंपनी को सौंपकर, खुद ब्रांड नेम की खरीद-बिक्री और किराय पर देने का काम शुरू किया। दौलतराम स्याल ने उसी कंपनी से धारीवाल ब्रांड का नाम लीज पर लिया और हर महीने 50 हजार रुपये देने का समझौता किया।

2023 से इस ब्रांड नाम का इस्तेमाल कर तनावड़ा में फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है और धारीवाल प्रोडक्ट मुख्य रूप से पश्चिमी राजस्थान में तंबाकू की आपूर्ति कर रहा है। लेकिन टीम को कुछ ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं, जो यह संकेत देते हैं कि इस ब्रांड का तंबाकू राज्य के अन्य हिस्सों में भी बिक्री के लिए भेजा जा रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, जीएसटी की टीम ने मालिक की अनुपस्थिति में सुपरवाइजर और अन्य कर्मचारियों की मौजूदगी में यहां से बड़ी मात्रा में दस्तावेज जब्त किए हैं। इनमें माल की खरीद-बिक्री के अलावा कई ऐसे दस्तावेज शामिल हैं, जिनसे माल की आपूर्ति बिना जीएसटी चुकाए की जाने की जानकारी मिलती है। इस फैक्ट्री से जब्त किए गए लैपटॉप में भी जीएसटी चोरी से जुड़े कई सुराग मिलने की उम्मीद है।

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